दुर्ग में पानी की मेन पाइपलाइन में रिसाव, लाखों लीटर पानी बर्बाद

दुर्ग के मालवीय नगर चौक में मेन राइजिंग पाइपलाइन में पिछले एक साल से लीकेज की समस्या बनी हुई है। हर बार मरम्मत के बाद कुछ समय तक पाइपलाइन सही रहती है, लेकिन फिर से रिसाव शुरू हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर मिनट करीब 10 लीटर पानी सड़क और नाले में व्यर्थ बह रहा है। यह रिसाव बारिश के मौसम में और बढ़ जाता है और कभी-कभी गंदा पानी घरों की जलापूर्ति में जाने का खतरा पैदा कर देता है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि निगम ने शिकायत मिलने पर मेंटेनेंस कार्य कराया, लेकिन स्थायी समाधान नहीं किया। लंबे समय से लीकेज के कारण लाखों लीटर पानी बर्बाद हो चुका है। 600 एमएम डायमीटर की मेन पाइपलाइन से जुड़ी अन्य पाइपलाइनों की टंकियों तक पानी नहीं पहुँच पा रहा है, जिससे घरों में जलापूर्ति प्रभावित हो रही है।

लीकेज का असर मालवीय नगर, पद्मनाभपुर, शक्ति नगर, हनुमान नगर, गिरधारी नगर, शंकर नगर और शनिचरी बाजार के इलाके पर भी पड़ रहा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि बारिश शुरू होने के बाद लगातार लीकेज और अन्य तकनीकी खराबियों के कारण पेयजल संकट बना हुआ है। कई लोग लीकेज वाले पानी का इस्तेमाल नहाने और कपड़े धोने में कर रहे हैं।

स्थानीय मछली पकड़ने वाले और व्यापारी भी स्थिति से चिंतित हैं। उनका कहना है कि पानी ज्यादा प्रेशर होने पर सड़क पर बहने लगता है। अगर नाले का दूषित पानी घरों में चला गया तो यह शहरवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा कर सकता है।

इस मामले में दुर्ग नगर निगम की महापौर से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इस विषय पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। निगम की लापरवाही और स्थायी समाधान न होने के कारण शहरवासियों में नाराजगी बढ़ रही है।

स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि निगम तुरंत स्थायी मरम्मत करे और रिसाव को रोके। उनका कहना है कि लंबे समय से लगातार बर्बाद हो रहे पानी को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाना जरूरी है। इस समस्या के निराकरण से न केवल जल संकट कम होगा, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी टाले जा सकते हैं। नगरवासियों का कहना है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो इसके खिलाफ आंदोलन भी किया जा सकता है।

निगम प्रशासन को चेतावनी दी जा रही है कि जल आपूर्ति और पाइपलाइन की स्थिति सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाना अनिवार्य है।

Advertisements
Advertisement