तरबूज बेचने वाला निकला मानव तस्कर, बच्चों को फुसलाकर ले जाता था अपने साथ, कैसे पकड़ा गया?

बदलापुर में एक के बाद एक जघन्य अपराध सामने आ रहे हैं. कैंसर का इलाज कराने आई एक नाबालिग लड़की के साथ 27 वर्षीय एक व्यक्ति द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिससे काफी हलचल मच गई है. बिहार से इलाज के लिए आई एक लड़की को मकान किराए पर देने वाले और सहायता देने का नाटक करने वाले व्यक्ति ने उसका यौन उत्पीड़न किया. अब हर कोई यह सोचने लगा है कि क्या लोगों में मानवता और सामान्य ज्ञान खत्म हो गया है. मानो यह सब काफी नहीं था, बदलापुर से एक और भयावह घटना सामने आई है.

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तरबूज विक्रेता, जो दिखने में एक साधारण व्यक्ति था, तरबूज बेचने की आड़ में एक नवजात शिशुओं को बेचने का भी काम कर रहा था. नवजात शिशुओं की बिक्री का बड़े पैमाने पर कारोबार होने की बात सामने आई है और वन विभाग ने बदलापुर में इस जघन्य कृत्य का पर्दाफाश किया है. इस मामले में मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया है और गिरफ्तार आरोपी का नाम तुषार साल्वे है.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

अंबरनाथ पश्चिम के वन नाका क्षेत्र में तरबूज बेच रहे एक युवक को जब वन विभाग के कर्मचारियों ने कूड़ा फेंकने के लिए रोका तो उसने कर्मचारियों के साथ बहस करते हुए उसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. मामले की जांच के लिए युवक को वन विभाग कार्यालय बुलाया गया और उसके मोबाइल फोन की जांच की गई कि उसने वीडियो कहां फॉरवर्ड किया था. वन विभाग के अधिकारी वैभव वालिम्बे को इसमें शिशुओं की खरीद-फरोख्त से संबंधित चैट मिली. उसके बाद उन्होंने बदलापुर पश्चिम पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर कलिंगाड विक्रेता तरुण तुषार साल्वे के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया.

पहले भी पुलिस ने किया था अरेस्ट

चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि यह एक सीरियल आरोपी है और पुलिस पहले भी इसी तरह के अपराधों में उसे गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी तुषार साल्वे को भी 2023 में ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में बाल तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में जमानत मिलने के बाद उन्होंने फिर से अपना कारोबार शुरू कर दिया. हालांकि पुलिस उपायुक्त सचिन गोरे ने जानकारी दी है कि वन विभाग की सतर्कता के कारण वह एक बार फिर पुलिस के जाल में फंस गया.

ऐसे हुआ खुलासा

इस मामले में बदलापुर पश्चिम पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. वन अधिकारी वैभव वालिम्बे की सतर्कता के कारण बाल तस्करी का पर्दाफाश हुआ और मामले की जांच फिलहाल सहायक पुलिस आयुक्त शैलेश काले और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनिल थोरवे कर रहे हैं.

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