उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नई लिस्ट बनाने का निर्देश दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद शिक्षकों को अपनी नौकरी की चिंता है. उन्हें पता ही नहीं कि उनकी नौकरी बचेगी या जाएगी. वहीं दूसरी ओर शिक्षक अभ्यर्थियों ने देर रात लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर टॉर्च जलाकर प्रदर्शन किया. वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें अभी न्याय मिलना चाहिए क्योंकि डर है कि ये भर्ती प्रक्रिया फिर से अधर में न अटक जाए.
लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर राज्य के अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थी पहुंचे हैं. वो सरकार से नियुक्ति पत्र देने की मांग कर रहे हैं. वो देर रात मोबाइल की लाइट जलाकर और बैनर-पोस्टर हाथ में पकड़कर सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी कर रहे हैं. उनका कहना है कि आरक्षण में घोटाला हुआ है और अब वो बिना नियुक्ति पत्र के वहां से नही हटेंगे. सरकार उन्हें लिखित रूप से शेड्यूल जारी करे और बताए कि किस तारीख को उनकी काउंसलिंग होगी और किस तारीख को उन्हें नियुक्ति दी जाएगी.
इन प्रदर्शनकारियों के धरना-प्रदर्शन का वीडियो शेयर कर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए तीन घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है. यूपी की भाजपा सरकार इसके लिए 3 महीने का जो समय मांग रही है, वो संदिग्ध है. इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटालेवाली भाजपा सरकार के खिलाफ ये संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को ले जाकर, कहीं आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार इसे अपने बचे हुए कार्यकाल के लिए टालना तो नहीं चाहती है. भाजपा का सबसे बड़ा संकट ही यही है कि उसका असली चेहरा जनता ने देख लिया है और अब जनता भाजपा की सूरत और सीरत पहचान गयी है.
69000 शिक्षक भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है, उप्र की भाजपा सरकार इसके लिए 3 महीने का जो समय माँग रही है, वो संदिग्ध है। इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटालेवाली भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ ये संदेह पैदा हो रहा है कि किसी के द्वारा… pic.twitter.com/ZYlWNo0gkC
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 20, 2024
वहीं इस मामले में यूपी के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट का जो फैसला आया है, उसके बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत करा दिया गया है. सरकार किसी भी वर्ग के व्यक्ति के भविष्य के साथ कुछ भी गलत नहीं होने देगी. सरकार उनके भविष्य को सुनिश्चित और सुरक्षित करने के लिए काम करेगी.
वहीं, सीएम योगी ने इस मामले में ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. इसको लेकर विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं.