हमारे हाथ में जादू की छड़ी नहीं… गांवों में LPG कनेक्शन की मांग वाली जनहित याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने की खारिज

दिल्ली के सभी गांवों में LPG सिलेंडर उपलब्ध कराने की मांग वाली जनहित याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की बेंच ने इस मामले पर बुधवार को सुनवाई की. इस दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि संसद में सरकार ने कहा था कि उन्हें LPG कनेक्शन देने का अधिकार है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा ‘आप ऐसा अधिकार कैसे मांग सकते हैं? यह अधिकार कहां से आ रहा है? कौन सा प्रावधान?, संसद में दिया गया हर बयान कानून बन जाता है?.

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चीफ जस्टिस ने कहा कि यह कोर्ट भी चाहेगा कि सबको LPG ही नहीं, हर तरह की सुविधा मिले. समाज में इतनी सारी बीमारियां हैं कि हम हर दिन देखते हैं, लेकिन हमारे हाथ में कोई जादू की छड़ी नहीं है. जस्टिस गेडेला ने कहा कि हम तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हैं. उन्हें सुरक्षा पहलुओं पर ध्यान देना होगा. हम कोई नहीं हैं. कृपया उनके समक्ष अपना प्रतिनिधित्व दर्ज करें. जज ने कहा कि न तो आप और न ही हम व्यवहार्यता परीक्षण करने में सक्षम हैं.

‘संबंधित अधिकारियों के समक्ष जाएं…’

कोर्ट ने कहा कि प्राथमिक शिकायत दिल्ली के सभी गांवों में पाइप प्राकृतिक गैस सुविधा की उपलब्धता के संबंध में है. याचिका में प्रत्येक प्रार्थना अलग-अलग और अलग-अलग कारण से उत्पन्न होती है. ऐसी जनहित याचिका पर सुनवाई करना मुश्किल हो जाता है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि याचिका में प्रत्येक कारण को अलग-अलग लिया जाना चाहिए. अगर याचिकाकर्ता को शिकायत है तो उसे संबंधित अधिकारी के ध्यान में लाया जाना चाहिए. जहां तक प्राथमिक मुद्दे का सवाल है, हम प्रावधान करते हैं कि उसे संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपना प्रतिनिधित्व करना चाहिए.

इसलिए कोर्ट ने जनहित याचिका को संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की स्वतंत्रता के साथ खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता अभी भी असंतुष्ट महसूस करता है तो वो उपलब्ध कानूनी सहारा लेने के लिए स्वतंत्र होगा.

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