हरियाणा के पंचकूला में एक ही परिवार के 7 लोगों ने कार में जहर खाकर सुसाइड कर लिया. सभी लोग बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में शामिल होकर लौट रहे थे. इस सामूहिक सुसाइड के बारे में चश्मदीद पुनीत राना ने बताया कि कार हमारे घर के पास थी. किसी ने हमें बताया कि बाहर एक गाड़ी खड़ी है. जिसपर टॉवल रखा है. जब हम मौके पर पहुंचे और पूछा तो परिवार के मुखिया प्रवीण मित्तल ने बताया कि हम बाबा के प्रोग्राम में आये थे. होटल नहीं मिला है इसीलिए गाड़ी में सो रहे हैं.
हालांकि, इस पर हमने उनको बोला कि गाड़ी यहां से हटा लो कहीं और लगाओ. हमने कार के अंदर झांका तो देखा कि सबने एक दूसरे पर उल्टी की हुई थी. ऐसे में प्रवीण मित्तल गाड़ी से बाहर निकले. उन्होंने हमें बताया कि मैंने भी ज़हर खाया है. हम लोग बहुत कर्ज में डूबे हुए हैं. मेरे रिश्तेदार बहुत अमीर हैं, लेकिन मेरी किसी ने मदद नहीं की. इसके बाद मैंने अंदर बैठे बच्चों को भी हिला कर देखा, लेकिन कोई हिल नहीं रहा था.
समय पर आती एंबुलेंस तो बच सकती थी जान
इसके कुछ ही देर में पुलिस भी आ गई थी. कार के अंदर से बहुत ज्यादा बदबू आ रही थी. कार में दवा का एक टैबलेट भी पड़ा था. चश्मदीद पुनीत ने यह भी बताया कि पुलिस जल्दी आ गई थी लेकिन एंबुलेंस 40 -45 मिनट बाद आई. अगर समय पर एंबुलेंस आती तो शायद लोगों की जान बच जाती. सिर्फ प्रवीण ही कार से बाहर निकले थे. लेकिन कुछ देर में उनकी भी मौत हो गई.
मां रहती थी बीमार
सामूहिक सुसाइड पर प्रवीण मित्तल की एक पड़ोसी आराधना थापा का भी बयान आया है. थापा के अनुसार यह परिवार काफी साधारण था. उनकी मां बीमार रहती थीं और बच्चे देहरादून के ब्लूमिंग बर्ड स्कूल में पढ़ते थे. ससुर की एक दुकान टपकेश्वर मंदिर के पास थी. यह परिवार लगभग एक साल पहले अपने ससुर के साथ चंडीगढ़ शिफ्ट हो गया था. इससे पहले वे करीब तीन साल कोलागढ़ में रहे, फिर देहरादून के अंकित विहार और टपकेश्वर मंदिर के पास कुछ समय तक रहे. उसके बाद चंडीगढ़ चले गए.