भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय किसी तरह के संबंध नहीं हैं. भारत ने पाकिस्तान की नापाक हरकतों के बाद उसके साथ बातचीत बंद कर दी है. लेक्स फ्रिडमैन के साथ 3 घंटे लंबे पॉडकास्ट में पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर कहा कि हमें पाकिस्तान से अच्छी शुरुआत की उम्मीद थी, लेकिन उधर से नकारात्मक जवाब ही आया. पाकिस्तान ने हमारी हर अच्छी कोशिश का विश्वासघात से जवाब दिया. साथ ही उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि उसे सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा.
पाकिस्तान के साथ संबंधों को मधुर करने की कोशिश को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया था, ताकि एक शुभ शुरुआत की जा सके. लेकिन हर बार अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला. लेकिन पाकिस्तान की ओर से शांति की हर कोशिश का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से दिया गया. हम पूरी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा.
पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते होंगेः PM मोदी
लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा, “मेरा मानना है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहते हुए थक गए होंगे, जहां मासूम बच्चे भी मारे जाते हैं और अनगिनत जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का उनका पहला प्रयास सद्भावना का संकेत था. उन्होंने कहा, “यह कूटनीतिक प्रयास था, जो कई दशकों में नहीं देखा गया. जिन लोगों ने कभी विदेश नीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाया था, वे उस समय अचंभित रह गए, जब उन्हें पता चला कि मैंने सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया और हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में उस ऐतिहासिक भाव को खूबसूरती से कैद किया है.”
हमें वांछित परिणाम नहीं मिलेः PM मोदी
मोदी ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की विदेश नीति कितनी स्पष्ट और आश्वस्त हो गई है. उन्होंने कहा, “इसने दुनिया को शांति और सद्भाव के लिए भारत की प्रतिबद्धता के बारे में एक स्पष्ट संदेश भेजा, लेकिन हमें वांछित परिणाम नहीं मिले.”
पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर जोड़ते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 1947 से पहले सभी लोगों ने मिल-जुलकर आजादी की जंग में मिलकर लड़ाई लड़ी, फिर आजादी के समय मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग की, हमने यह भी स्वीकार कर लिया. लेकिन आजादी के बाद वहां से लगातार कत्लेआम किया गया. ट्रेनों में लाशें भर-भरकर भेजी गईं. जब उनके लिए अलग देश मिल गया तो उन्हें सुख से जीने की इच्छा रखनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने हिंसा का रास्ता चुना. अब दुनिया में कहीं पर भी आतंकी घटना घटती है तो कहीं न कहीं सूत्र जाकर पाकिस्तान पर अटकता है. 9/11 की घटना के तार भी पाकिस्तान में जाकर मिले.