उत्तर प्रदेश का बागपत बीते दिन किसानों के गुस्से का गढ़ बन गया, जहां ‘तिरंगा यात्रा’ के नाम पर जुटा जनसैलाब अचानक बिजली विभाग और स्मार्ट मीटर के खिलाफ गरजते आंदोलन में बदल गया. कलेक्ट्रेट का लोकमंच जब किसानों से भर गया, तब वहां एक किसान नेता ने अधिकारियों को जूते मारकर बाल उतारने की धमकी दे दी.
दरअसल, बागपत जिले में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) में इस उबाल के पीछे वजह थी स्मार्ट मीटर लगाने और बिजली विभाग की छापेमारी की कार्रवाई. किसानों का कहना है- सरकार ने खुद वादा किया था कि किसानों को फ्री बिजली मिलेगी, लेकिन अब उल्टा बिजली महंगी हो रही है और छापे मारकर किसानों को डराया जा रहा है
इसको लेकर बीते बुधवार को एक सभा बुलाई गई, जिसमें भाकियू के नेता हरेंद्र दांगी ने माइक संभालते ही माहौल को और तपता दिया. खुले मंच से उन्होंने चेतावनी के तेवर में कहा- “हमें चाहे कुछ भी करना पड़े, करेंगे… अगर कहीं छापेमारी हुई या स्मार्ट मीटर लगाए गए तो जूतों से मार-मारकर अधिकारियों के बाल उखाड़ देंगे… मुख्यमंत्री ने कहा है बिजली फ्री है, फिर ये छापेमारी क्यों?”
भाकियू नेताओं ने साफ कर दिया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो यह तो सिर्फ चेतावनी है, आगे का आंदोलन इतना तेज होगा कि सरकार और विभाग दोनों को पीछे हटना पड़ेगा. कलेक्ट्रेट का लोकमंच उस वक्त किसी किसानी रणभूमि जैसा नजर आ रहा था—जहां एक तरफ तिरंगा शान से लहरा रहा था, तो दूसरी तरफ बिजली विभाग के खिलाफ किसानों का गुस्सा तेज धार की तलवार बनकर चमक रहा था.