‘ऐसा पंजाब मॉडल बनाएंगे, जिसे पूरा देश देखेगा…’, केजरीवाल के साथ मीटिंग के बाद बोले भगवंत मान

दिल्ली के कपूरथला हाउस में मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, उनके मंत्रियों और राज्य के AAP विधायकों-सांसदों के साथ अरविंद केजरीवाल ने बैठक की. इस बैठक में मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे. केजरीवाल ने पंजाब के अपने नेताओं की यह बैठक पार्टी की राज्य इकाई में बढ़ते आंतरिक असंतोष की चर्चा के बीच बुलाई थी. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कपूरथला हाउस में हुई मीटिंग को लेकर मीडिया से बात की और बताया कि अरविंद केजरीवाल के साथ क्या बातचीत हुई.

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उन्होंने कहा, ‘पंजाब की पूरी कैबिनेट और हमारे सभी विधायकों की कपूरथला हाउस में हमारी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ मीटिंग हुई. AAP की पंजाब इकाई ने दिल्ली चुनाव के दौरान कड़ी मेहनत की थी, इसके लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने पंजाब के नेताओं को धन्यवाद दिया. पंजाब में हमारी सरकार लोगों के हित में बहुत सारे काम कर रही है. चाहे वह बिजली के क्षेत्र में हो, शिक्षा के क्षेत्र में, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हो. हमें इन कार्यों को और गति देनी है.’

ऐसा पंजाब मॉडल बनाएंगे जिसे देश देखेगा: मान

भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी के 10 वर्षों के शासनकाल में दिल्ली में जो काम हुए, पिछले 75 साल में उतना काम नहीं हुआ. जीत और हार चुनावी राजनीति का हिस्सा है. हम दिल्ली के अनुभव का उपयोग पंजाब में करेंगे. हम दिल्ली के जनादेश का सम्मान करते हैं. हम पंजाब को एक मॉडल स्टेट के रूप में विकसित करेंगे. हम ऐसा पंजाब मॉडल बनाएंगे जिसे पूरा देश देखेगा. हमें विकास के कार्यों पर फोकस रखना होगा. हम साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं. अधिक से अधिक लोगों के दिल कैसे जीते जाएं, उस दिशा में काम करेंगे. बड़ी कंपनियों ने पंजाब में निवेश करना शुरू कर दिया है- जिनमें ग्रासिम और टाटा स्टील शामिल हैं.’

AAP छोड़ने की अटकलों पर क्या बोले CM मान?

प्रताप सिंह बाजवा के इस दावे की आम आदमी पार्टी के 30 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ‘वह पिछले तीन साल से यही दावा कर रहे हैं कि AAP के 30-40 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं. उन्हें ऐसे दावे करते रहने दीजिए. उन्हें AAP विधायकों को छोड़कर पहले दिल्ली में कांग्रेस के विधायकों की संख्या गिननी चाहिए.’ कांग्रेस के कई नेताओं ने दावा किया कि भगवंत मान केंद्रीय गृह मंत्रालय के संपर्क में है और किसी भी वक्त AAP से बगावत कर सकते हैं. इस बारे में पूछे जाने पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन्हें बोलने दीजिए- वे ऐसे दावे करना जारी रख सकते हैं. ऐसी संस्कृति उनकी पार्टी में है, इसलिए ऐसे दावे करते हैं. हमने इस पार्टी को अपना खून-पसीना बहाकर बनाया है. इसलिए इसे छोड़ने का सवाल नहीं उठता.

बता दें कि पंजाब के सीएम भगवंत मान, उनकी कैबिनेट के मंत्री, सांसद, विधायक और AAP की राज्य इकाई के पदाधिकारियों सहित 200 से अधिक नेता चुनाव प्रचार के लिए हफ्तों तक दिल्ली में डेरा डाले हुए थे. पार्टी सूत्रों ने कहा कि बैठक का एजेंडा दिल्ली चुनाव परिणामों का विश्लेषण करना और 2027 की शुरुआत में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाना था. वहीं विपक्षी दलों- कांग्रेस और बीजेपी ने दावा किया है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल, भगवंत मान को पंजाब सीएम के पद से हटाने की तैयारी कर रहे हैं.

बाजवा खुद भाजपा में शामिल हो सकते हैं: AAP सांसद

आम आदमी पार्टी के नेता गुरुमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि प्रताप बाजवा खुद भाजपा में शामिल हो सकते हैं. बाजवा को इन विवरणों (AAP के 30 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं वाले दावे पर) के बारे में कैसे पता है? संभवतः वह गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं. उनके अपने भाई बीजेपी में हैं. पंजाब में भगवंत मान ही मुख्यमंत्री रहेंगे, कोई बदलाव नहीं होने जा रहा.

दिन में सपने देखना बंद करें बाजवा: पंजाब AAP चीफ

आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने आजतक से बातचीत में प्रताप सिंह बाजवा के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘बाजवा को दिन में सपने देखना बंद कर देना चाहिए. जब उनके अपने भाई भाजपा में शामिल हुए तो क्या वह उनके संपर्क में थे, या AAP में शामिल हुए कांग्रेस विधायक चैबेवाल के संपर्क में थे?’ कांग्रेस नेताओं के इस दावे कि भगवंत मान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संपर्क में हैं, अमन अरोड़ा ने कहा- ये महज अटकलें हैं. केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, बीजेपी के इस दावे पर AAP के पंजाब अध्यक्ष ने कहा, ‘ऐसे दावों की कोई प्रासंगिकता नहीं. ये सब मनगढ़ंत कहानियां हैं. अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में काम करने की जिम्मेदारी हमें सौंपी है.

आम आदमी पार्टी के संगरूर विधायक नरिंदर कौर भराण ने प्रताप सिंह बाजवा को चुनौती दी है. उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा, ‘पंजाब के सभी AAP विधायक आज दिल्ली में हैं, बाजवा किसका इंतजार कर रहे हैं? जो विधायक आपके संपर्क में हैं, उन्हें अपने साथ ले लीजिए. कांग्रेस दिल्ली में अपना खाता खोलने में विफल रही है और इस तरह के झूठ फैला रही है.’

आम आदमी पार्टी इसे भले ही संगठनात्मक बैठक बता रही हो, लेकिन इसने पंजाब में चुनावी वादों को पूरा करने में विफलता और केजरीवाल और मान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पार्टी में अशांति की अटकलें तेज कर दीं. विपक्षी दलों ने पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों की बैठक दिल्ली में आयोजित करने पर भी सवाल उठाया है. कांग्रेस का आरोप है कि पंजाब का शासन भगवंत मान नहीं, बल्कि दिल्ली में बैठे अरविंद केजरीवाल चला रहे हैं. इधर, भाजपा नेता तरुण चुघ ने दावा किया है कि पंजाब में मान सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है. दिल्ली के बीजेपी विधायक मजिंदर सिंह सिरसा ने भगवंत मान को आगाह किया है कि केजरीवाल उन्हें पद से हटाने की प्लानिंग कर रहे हैं.

प्रताप बाजवा ने किया AAP में टूट का दावा

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ‘पंजाब में 30 से अधिक AAP विधायक हमारे संपर्क में हैं.’ जबकि गुरदासपुर से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मध्यावधि चुनाव की भविष्यवाणी की. उन्होंने कहा, ‘यह इस पर निर्भर करता है कि कितने AAP विधायक पाला बदलते हैं. AAP विधायकों के लिए कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है, क्योंकि भाजपा का राज्य में कोई भविष्य नहीं है.’

AAP के सांसद मालविंदर सिंह कांग ने कहा, ‘प्रताप सिंह बाजवा असंभव सपने देख रहे हैं- बिल्कुल मुंगेरीलाल की तरह. उनके खुद के भाई (फतेहजंग बाजवा) भाजपा में शामिल हो गए.’ AAP के वरिष्ठ प्रवक्ता नील गर्ग ने मनजिंदर सिंह सिरसा पर भाजपा नेतृत्व को खुश करने के लिए ‘अफवाह फैलाने’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘भगवंत मान पंजाब में स्थिर सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. सिरसा को अब दिल्ली में भाजपा के चुनाव पूर्व वादों को पूरा करने की चिंता करनी चाहिए.’

पंजाब में 5 महीने से नहीं हुई कैबिनेट बैठक

केजरीवाल द्वारा बैठक बुलाए जाने के बाद, पंजाब सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक स्थगित कर दी, जिसे राज्य के बजट सत्र की तारीखें तय करने के लिए लगभग 5 महीने बाद आयोजित किया जाना था. अब यह बैठक 13 फरवरी को होनी है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, ‘दिल्ली को AAP से छुटकारा मिल गया और अब पंजाब भी इससे छुटकारा पाना चाहता है. भगवंत मान सरकार पंजाब में शराब, रेत और खनन माफिया से निपटने में विफल रही है.’

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली में हार के बाद अरविंद केजरीवाल द्वारा भगवंत मान, पंजाब के मंत्रियों और विधायकों को बैठक के लिए दिल्ली न बुलाकर, उन्हें खुद पंजाब जाना चाहिए था. उनके इस कदम से कांग्रेस के उस दावे को बल मिलता है कि पंजाब की सरकार दिल्ली से चलाई जा रही है और जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों की जगह AAP का ‘आलाकमान’ ही सर्वशक्तिमान है. अरविंद केजरीवाल को क्षेत्रीय भावनाओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत थी.

कांग्रेस के पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव ने एक न्यूज पेपर से बातचीत में कहा, ‘आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली से नियंत्रित होने को लेकर बेचैन हैं. अब जब केजरीवाल दिल्ली में हार गए हैं, तो AAP की पंजाब इकाई में अशांति बढ़ रही है. पंजाब की सरकार को भगवंत मान चला रहे हैं या अरविंद केजरीवाल, इस अनिश्चितता से पंजाब AAP में टूट हो सकती है. क्योंकि ​विधायकों के बीच इस मुद्दे पर पिछले कुछ समय से असंतोष है.’

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