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‘मार्च 2026 तक देश से कर देंगे नक्सलवाद का सफाया’: गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. शनिवार को रायपुर में उन्होंने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि नक्सल हमलों में कमी आई है. विकास को लेकर लोगों में विश्वास है. बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और काफी हद तक महाराष्ट्र नक्सल समस्या से मुक्त हो चुके हैं. नक्सल हमलों में 53 प्रतिशत की कमी आई है. गृह मंत्री ने कहा, ‘वामपंथी उग्रवाद को खत्म करेंगे. मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का सफाया कर देंगे.’

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गृह मंत्री ने शनिवार को रायपुर में नक्सलवाद की समस्या पर बैठक की. इसमें विकास के मुद्दे पर भी चर्चा की गई. प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘मेरा छत्तीसगढ़ का प्रवास पुरानी नक्सलवाद की समस्या और नक्सलवादी क्षेत्र में, नक्सल प्रभावित जिलों में भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की सभी योजनाओं के 100 प्रतिशत क्रियान्वय और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स की प्रगति और प्रगति के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने के हितों को लेकर था.’

अमित शाह ने कहा, ‘आज की बैठक में छत्तीसगढ़ से जुड़े हुए सभी राज्यों के डीजी और चीफ सेक्रेटरी भी बुलाए गए थे. क्योंकि जब हम छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या को एड्रेस करते हैं तब पड़ोसी राज्यों का भी इकोसिस्टम मजबूत होना जरूरी है. अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद पर मजबूत रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए.’

गृह मंत्री ने कहा कि बैठक में हम इस बात पर सहमत हुए कि वामपंथी उग्रवाद इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. पिछले चार दशक में वामपंथी उग्रवाद के कारण करीब-करीब 17000 लोगों की जान गई है.

उन्होंने कहा, ‘जब से देश में पीएम मोदी की सरकार बनी है, इस समस्या को चुनौती के रूप में स्वीकार किया गया. आज भारत सरकार बस्तर से बीजापुर, दंतेवाड़ा से धमतरी तक पूरे क्षेत्र के विकास और वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराने के लिए कटिबद्ध है.’

अमित शाह ने कहा, ‘2022 में एक साल ऐसा आया जब चार दशक में पहली बार मृत्यु की संख्या 100 से नीचे गई. 2014 से 2024 तक सबसे कम वामपंथी उग्रवाद की घटनाएं दर्ज की गईं. टॉप-14 नक्सली लीडर्स को न्यूट्रलाइज किया गया है. इसके अलावा वामपंथी उग्रवाद की जगह हमने लोगों में विकास का विश्वास पैदा किया है. कई राज्य 2019 से 2024 तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र के तमगे से मुक्त हुए हैं. बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और काफी हद तक महाराष्ट्र भी. ये सारे राज्य, महाराष्ट्र का एक जिला छोड़कर, नक्सल समस्या से मुक्त हुए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘2004 से 2014 तक 16463 घटनाएं हुई थीं और 2014 से 2024 तक 7744 घटनाएं हुईं. इनमें 53 प्रतिशत की कमी आई है. पहले 10 साल में 6617 नागरिक और सुरक्षाबल मारे गए, इसमें 70 प्रतिशत की कमी आई और इस आंकड़े को हम 2004 तक सीमित कर पाए हैं. हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है. मुझे विश्वास है कि मार्च 2026 तक हम पूरी तरह नक्सल समस्या से मुक्त हो जाएंगे.’

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