अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत सहित विभिन्न देशों को लगातार टैरिफ (आयात शुल्क) के नाम पर धमकाने और आर्थिक दवाब बनाने की कोशिशों के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी (सीसीएस) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संस्था ने ट्रंप की मानसिक स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए उन्हें निशुल्क इलाज का प्रस्ताव दिया है।
सीसीएस के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने एक पत्र के माध्यम से राष्ट्रपति ट्रंप को चेतावनी दी है कि वे स्वयं को अमेरिका का नहीं, बल्कि पूरे विश्व का प्रेसिडेंट मानने की भूल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के बयानों और निर्णयों में बाइपोलर डिसआर्डर और मेगालोमेनिया (महात्वाकांक्षा से ग्रसित मानसिक दशा) जैसे लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। यदि समय रहते इलाज न कराया गया, तो यह अमेरिका ही नहीं, वैश्विक शांति के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है।
डॉ. सोलंकी ने बताया कि संस्था की टीम में अनुभवी साइकैट्रिस्ट, साइकोलाजिस्ट और ब्रेन हेल्थ स्पेशलिस्ट शामिल हैं, जो ट्रंप का संपूर्ण मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और इलाज निशुल्क करने को तैयार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति का इलाज छत्तीसगढ़ में कर सकते हैं।
क्या है 50 प्रतिशत टैरिफ मामला?
हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसका सीधा असर भारतीय निर्यातकों और उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। जो वस्तु पहले ₹100 की पड़ती थी, वह अब अमेरिकी उपभोक्ताओं को ₹150 में मिलेगी। इससे भारतीय उत्पाद प्रतिस्पर्धा में पिछड़ेंगे और निर्यात में गिरावट आएगी।
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इसे लेकर ही सीसीएस ने ट्रंप को आगाह किया है कि इस प्रकार की नीतियां न केवल अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए हानिकारक हैं, बल्कि उनकी मानसिक असंतुलन की ओर भी संकेत करती हैं। सीसीएस की ओर से ट्रंप के इस कदम की निंदा की गई है।