उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की खतौली विधानसभा सीट के टिटोडा गांव निवासी एक गरीब होनहार छात्र अतुल कुमार को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की सीट राउंड वन में अलाउड हुई थी. लेकिन शिक्षा पर गरीबी की मार ऐसी पड़ी कि 24 जून आखिरी तारीख में छात्र अपनी फीस जमा नहीं कर पाया. छात्र की मानें तो उसके गरीब परिवार ने किसी तरह गांव वालों से उधार पैसे लेकर इकट्ठा तो कर लिए थे लेकिन उस दिन छात्र अतुल ऑनलाइन वेबसाइट पर सिर्फ अपने डॉक्यूमेंट सबमिट कर पाया था लेकिन वह आखिरी समय में अपनी फीस जमा नहीं कर पाया.
इस मामले को लेकर छात्र अतुल पहले झारखंड हाईकोर्ट गए थे. फिर वहां से उन्हें ओपिनियन मिला कि वह मद्रास हाई कोर्ट में फाइल करें. इसके बाद मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई होने के बाद उनके वकील ने केस विद-ड्रॉ करने के लिए बोला. जिसके बाद बताया जा रहा है की पीड़ित छात्र अतुल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. यहां सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने उम्मीद बंधाई कि आपकी पूरी मदद की जाएगी और कॉलेज को नोटिस जारी किया जाएगा. बहरहाल अब इस मामले की अगली तारीख सोमवार 30 सितंबर तय कर दी गई है.
आपको बता दें कि छात्र अतुल एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है और इनके पिता राजेंद्र किसी फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते हैं. अतुल चार भाई हैं जिसमें वो सबसे छोटा है. अतुल ने अपने भाइयों के साथ गांव में स्थित जीआर पब्लिक स्कूल से आठवीं कक्षा पास करने के बाद हाईस्कूल गिरजानंद स्कूल खतौली और इंटर शिशु शिक्षा निकेतन से करने के बाद कानपुर गहलोत सुपर-100 इंस्टीट्यूट से तैयारी की हुई है.
पीड़ित छात्र अतुल कुमार ने बताया कि पापा ने गांव में लोगों से उधार लेकर 24 जून 4:45 तक फीस का इंतजाम किया. इसमें जो डेट लाइन थी वह 5:00 बजे की थी. हमें उससे पहले डॉक्यूमेंट अपलोड करने थे और फीस भी जमा करनी थी. मैंने डॉक्यूमेंट अपलोड किए तो 4:56 पर ऑटोमेटिक लॉगआउट हो गया. मुझे दुख हुआ कि आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग अलाउड हुई थी. राउंड वन में सेट एक्सपेंस फीस न जमा कर पाने पर कैंसिल हो गई. इसलिए अब कोर्ट के जरिए वापस पाना चाह रहे हैं. इसके लिए पहले झारखंड हाईकोर्ट गए थे.
फिर वहां से पता चला कि मद्रास हाईकोर्ट में फाइल करना चाहिए. जब मद्रास हाईकोर्ट गए जब वहां से हियरिंग हुई तो हमारे एडवोकेट ने केस विद ड्रा करने के लिए बोला क्योंकि जो रेस्पोंडेंट थे, वो केस डिले कर रहे थे. फिर कोर्ट से परमिशन ली कि जो हमारा केस है वह सुप्रीम कोर्ट में जा सके. इसलिए आर्टिकल 32 के तहत हम सुप्रीम कोर्ट गए. यहां 24 सितंबर को हियरिंग थी जो हियरिंग में हमारे एडवोकेट ने जज के सामने हमारी बात रखी. बताया कि क्या प्रॉब्लम हुई थी क्या घटना हुई थी और उसके बाद जज ने बोला कि आपकी पूरी मदद करेंगे. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की बेंच में हमारा केस गया था, उन्होंने बोला कि उन्हें नोटिस जारी करेंगे.
छात्र अतुल कुमार की मां राजेश देवी ने बताया कि हम तो घास लाते हैं. अतुल चौथे नंबर का सबसे छोटा बेटा है. सब बच्चे पढ़ने पर लगे रहते हैं. हम मेहनत मजदूरी में लगे रहते हैं. इन्हीं पर उम्मीद है कि आगे पढ़ लिख कर यह कामयाब बनेंगे. ड़ोसी प्रवीण कुमार की मानें तो बच्चे बहुत बढ़िया है. चारों ही पढ़ने में अच्छे हैं. अतुल कुमार के गांव जीआर पब्लिक स्कूल के अध्यापक राजकुमार का कहना है कि ये सारे ही बच्चे मोस्ट इंटेलिजेंट जिनमें से तीन तो इंजीनियर ही हैं. आईआईटी से यह तीसरा है अतुल और जो इनका एक चौथा भाई है जो अभी पीसीएस की तैयारी कर रहा है. इनके घर में इनवर्टर तक की फैसिलिटी नहीं है.