‘हम अपने आतंकवादियों को शहीद कर देंगे…’, भरी सभा में यह क्या बोल गए झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी; बीजेपी ने घेरा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की पहचान पूछकर की गई निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस बर्बर हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल है और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. झारखंड में भी इस हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी बीच झारखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं.

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मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि मुझे मशीन गन, टैंक या तोप दीजिए, मैं आतंकवादियों को खत्म करूंगा. हम गरीबों के आंसू नहीं देख सकते. अब समय आ गया है कि पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारा जाए. हालांकि, इसी भाषण के दौरान उनकी ओर से कहे गए एक लाइन ‘हम अपने आतंकवादियों को शहीद कर देंगे. को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.

मंत्री के बयान पर विपक्षी दल बीजेपी ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

मंत्री के इस बयान को लेकर विपक्षी दल बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं इरफान अंसारी को सलाह दूंगा कि बॉर्डर पर जाने से पहले अपनी पैंट टाइट कर लें, नहीं तो पैंट खुल जाएगी और गीली भी हो जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री अंसारी जैसे लोग आतंकवादियों को शहीद मानते हैं और उनके दिल में उनके लिए हमदर्दी है. उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि अगर सभी आतंकी जन्नत जाते हैं, तो 72 हूरों की संख्या कितनी है?

कांग्रेस ने मंत्री इरफान अंसारी के बयान का किया बचाव

दूसरी ओर कांग्रेस मंत्री इरफान अंसारी के बचाव में उतर आई टिप्पणी को स्लिप ऑफ टंग करार दिया.प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि बयान आक्रोश में दिया गया और वह ‘स्लिप ऑफ टंग’ था. जब कोई व्यक्ति भावनात्मक स्थिति में होता है तो शब्दों का चयन गलत हो सकता है. उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि सीपी सिंह जैसे नेता जानबूझकर उकसाने वाले बयान देते हैं. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा ‘पंचर बनाने वाला’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाया.

उन्होंने कहा, सीपी सिंह उस वक्त क्यों नहीं बोले थे, जब प्रधानमंत्री ने एक पूरे समुदाय को ‘पंचर बनाने वाला’ कह दिया था. ये लोग व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के पढ़े हुए हैं, जो नागपुर की स्क्रिप्ट पर बयानबाजी करते हैं. ऐसे लोगों पर प्रतिक्रिया देना भी उचित नहीं है.

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