यूपी विधानमंडल का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है. पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सदन को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबोधित किया. 20 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश किया जाएगा. इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने कमर कस ली है. बजट सत्र पहले ही दिन हंगामेदार रहा.
बजट सत्र की शुरुआत में यूपी विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा पर जमकर हमला बोला. उन्होंने सदन में कहा कि ये लोग अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में भेजेंगे और बाकियों के बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं. सीएम ने उर्दू और अन्य भाषा को लेकर विधानसभा में जोरदार भाषण दिया और कहा कि सपा के नेता क्या देश को कठमुल्ला पन की और ले जाना चाहते हैं, यह नहीं चलने वाला है.
दरअसल, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा था कि फ्लोर लैंग्वेज में अंग्रेजी की जगह उर्दू कर दिया जाए. इसके जवाब में सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष हर अच्छे काम का विरोध करता है. ये उर्दू की वकालत करते हैं और भोजपुरी, अवधी, का विरोध करते हैं.
सीएम योगी ने यह भी कहा कि इस सदन में अलग-अलग समाज/तबके से लोग आए हैं, अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज को सदन में मुखरता मिले, इसके लिए अगर वह हिंदी या अंग्रेजी में असमर्थ है तो अवधी, बुंदेलखंडी, भोजपुरी जिसमें समर्थ हो बोल सकता है.
बजट सत्र के पहले ही दिन समाजवादी पार्टी के नेता अस्थि कलश लेकर विधानसभा पहुंच गए. सपा MLC आशुतोष सिन्हा साइकिल चलाकर विधानसभा पहुंचे और कहा कि नैतिकता का अस्थि कलश लोकतंत्र के मंदिर में स्थापित करेंगे. महाकुंभ का मुद्दा उठाएंगे, सरकार का घेराव करेंगे, हर सवाल करेंगे.
सपा का विरोध-प्रदर्शन शुरू
यूपी बजट सत्र की शुरुआत से पहले समाजवादी पार्टी के विधायक विधानसभा में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरना दे रहे हैं. उनके साथ नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे और वरिष्ठ सपा नेता राजेंद्र चौधरी भी मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि महाकुंभ पर सरकार को जवाब देना होगा, मृतकों के आंकड़े छिपाए गए हैं.
सीएम योगी ने दी नसीहत
बजट सत्र को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन चलाना सिर्फ सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि विपक्ष का भी दायित्व है. उम्मीद करते हैं विपक्ष हार की हताशा से परेशान होकर सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करेगा. हार की खुन्नस सदन में नहीं निकालेगा. वैसे भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया जाएगा, सार्थक चर्चा होनी चाहिए. संसदीय आचरण का पालन करना चाहिए.