हमारा खाना-पीना तो किसी तरह चलता रहेगा…’, अटारी के व्यापारियों का PM मोदी के फैसले को खुला समर्थन, बोले- देश पहले 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब के अटारी-वाघा बॉर्डर पर एकीकृत चेकपोस्ट (ICP) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. इस फैसले से सीमा पर व्यापार प्रभावित होने की आशंका है और भारत-पाकिस्तान के बीच आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है. सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया है, जबकि वैध वीजा के साथ सीमा पार करने वाले लोगों को 1 मई तक लौटने की छूट दी गई है.

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अटारी बॉर्डर पर ढाबा चलाने वाले व्यापारी मंजीत सिंह ने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, ”हमारा व्यापार किसी तरह चलता रहेगा, लेकिन पहलगाम में जो हुआ, वह बहुत गलत था. सैनिकों पर हमला एक बात है, क्योंकि वे जवाब देना जानते हैं, लेकिन पर्यटकों पर हमला करना पूरी तरह गलत है. अगर हमारे व्यापार में पर्यटकों की संख्या कम होती है, तो कोई बात नहीं. हम देश के साथ हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला सही है.”

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यह चेकपोस्ट छोटे व्यापारियों, कारीगरों, और छोटे कारोबार के लिए अहम थी, लेकिन आतंकी हमले के बाद सुरक्षा सर्वोपरि है. बता दें कि अटारी बॉर्डर पर पहले हर सुबह लंबी कतारें लगती थीं, लेकिन अब यह मार्ग पूरी तरह बंद है. स्थानीय लोग और व्यापारी सरकार के फैसले के साथ हैं, लेकिन चिंता जताते हैं कि लंबे समय तक सीमा बंद रहने से उनकी आजीविका प्रभावित हो सकती है.

पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी

पहलगाम हमले के बाद भारत ने सार्क वीजा छूट योजना (SAARC Visa Exemption Scheme) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द कर दिए हैं. नई दिल्ली में एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए 45 दिन के वीजा पर आए 6 पाकिस्तानी नागरिकों ने सीमा बंद होने की खबर सुनकर जल्दबाजी में भारत छोड़ दिया. ग्रपु में शामिल फजल शेख ने कहा, ”हम छह लोग 45 दिन के लिए आए थे, लेकिन सीमा बंद होने की खबर के बाद डर गए और वापस लौट रहे हैं.” समूह में शामिल महिलाएं सदमे में थीं और कुछ नहीं बोल रहीं थीं.

भारतीय नागरिकों को रोका गया

अटारी बॉर्डर बंद होने से पाकिस्तान जाने की योजना बना रहे भारतीय नागरिक भी प्रभावित हुए हैं. राजस्थान के जहीर खान अपने दो साथियों के साथ वैध वीजा पर पाकिस्तान में एक शादी में शामिल होने जा रहे थे. लेकिन उन्हें सीमा पर रोक दिया गया. जहीर ने कहा, ”पहलगाम में आतंकी हमला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार का सीमा बंद करने का फैसला सही है. हम वापस लौट जाएंगे.” उन्होंने सरकार के कदम का समर्थन करते हुए कहा कि सुरक्षा सबसे जरूरी है.

सरकार के कड़े फैसले

बता दें कि पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. इनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना, अटारी बॉर्डर बंद करना और पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश शामिल है. नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना, और वायु सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया और उन्हें एक सप्ताह में भारत छोड़ने को कहा गया. भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से भी सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया.

 

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