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जलाने ही वाले थे शव, तभी याद आया बीमा, चिता से उठाई डेड बॉडी और फिर…

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में सोमवार को एक शव का अंतिम संस्कार करने श्मशान घाट लाया गया. शव को चिता पर लिटाया. तभी परिवार को मृतक से जुड़ी ऐसी बात याद आई कि उन्होंने आनन-फानन में शव को चिता से उतार दिया. शव को फिर पोस्टमार्टम हाउस लेकर पहुंचे. शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे दोबारा से श्मशान घाट लाया गया. फिर उसका अंतिम संस्कार किया गया.

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यह अजीबोगरीब मामला दम्मामल नगर का है. यहां सोमवार को एक 55 वर्षीय शख्स की घर में करंट लगने से मौत हो गई. अचानक हुई इस मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. घर में चीख पुकार मच गई. शोक जताने नाते-रिश्तेदार और आस पड़ोस के लोग मृतक के घर पहुंचे. इसके बाद बारी थी अंतिम संस्कार करने की. घर वालेअर्थी सजाकर शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान लेकर पहुंचे.

शव को पोस्टमार्टम हाउस लेकर पहुंचे

मुखाग्नि की तैयारी हो गई. लेकिन तभी परिवार के एक सदस्य को याद आया कि मृतक का बीमा हो रखा है. उसने कहा कि बीमा क्लेम के लिए पोस्टमार्टम जरूरी है. पुलिस बुलाई गई. पुलिस शव को अर्थी समेत पोस्टमार्टम हाउस लेकर पहुंची. वहां पोस्टमार्टम के बाद दोबारा से शव को श्मशान घाट लाया गया. फिर शव का अंतिम संस्कार किया गया.

करंट लगने से हुई हरेंद्र की मौत

जानकारी के मुताबिक, दम्मामल नगर निवासी हरेंद्र कुमार पुत्र रामनारायण सोमवार को घर में बिजली का काम कर रहे थे. इस दौरान उन्हें करंट लग गया. करंट लगने से वह जमीन पर गिर गए. परिवार वालों ने बताया कि कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई. हादसे में शख्स की मौत के बाद परिवार में चीत्कार मच गई. पड़ोसी और रिश्तेदार इकट्ठे हो गए. अंतिम संस्कार के लिए अर्थी सजाई गई. शव को अर्थी पर रखकर वो लोग श्मशान घाट पहुंचे. यहां भी पूरी तैयारी हो गई. चिता को मुखाग्नि देने वाले ही थे कि परिवार के एक सदस्य को याद आया, हरेंद्र का बीमा हो रखा है.

उसने और वहां मौजूद कुछ लोगों ने कहा कि बीमा की राशि लेने के लिए शव का पोस्टमार्टम जरूरी है. काफी चर्चा के बाद पुलिस को मौके पर बुलाया गया. पुरा मामला समझाया गया. उसके बाद शव का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार किया गया.

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