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उत्तर प्रदेश में 65 साल बाद वेट बल्ब टेंपरेचर, मुंबई में 34°C में हुई थी 11 की मौत

उत्तर प्रदेश 65 साल बाद वेट बल्ब टेंपरेचर की चपेट में है. यही वजह है कि गर्मी ज्यादा परेशान कर रही. इसमें 40°C में ही 45-47°C वाली गर्मी का एहसास हो रहा है. क्योंकि, शरीर से पसीना निकलता है, लेकिन वाष्पीकरण न होने से शरीर को ठंडक नहीं मिलती.

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डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसे में बेचैनी के बाद चक्कर आ सकते हैं. दिल, फेफड़ा और किडनी तक फेल हो सकते हैं. इसलिए, वेट बल्ब टेंपरेचर 35°C में भी जानलेवा हो सकता है. पिछले साल मुंबई में 34.°C में ही 11 लोगों की मौत हो गई थी.

वहीं, बुधवार को मौसम विभाग ने पूर्वी यूपी के 32 जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. जबकि पश्चिमी यूपी में फिलहाल राहत है. बादल छाए रहेंगे. कुछ हिस्सों में बारिश भी हो सकती है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मई में तापमान 50°C के पार जा सकता है.

प्रदेश में मंगलवार को कानपुर सबसे गर्म शहर रहा. यहां अधिकतम तापमान 41.4°C दर्ज किया गया. कानपुर में गर्मी का 52 साल का रिकॉर्ड टूटा है. 1972 में कानपुर में सुबह 9 बजे का तापमान 41 डिग्री तक गया था. मंगलवार को सुबह 9 बजे कानपुर का तापमान 41 डिग्री क्रास कर गया. गुरुवार को हीटवेव का रेड अलर्ट जारी किया है.

*क्या है वेट-बल्ब?*
वेट-बल्ब टेंप्रेचर तापमान को मापने की आधुनिक विधि है, जिसमें वातावरण में मौजूद गर्मी और आर्द्रता (नमी) दोनों स्थितियों को मापा जाता है. उससे पता चलता है कि वातावरण में गर्मी और आर्द्रता का संतुलन कितना है.

थर्मामीटर के बल्ब को गीले मलमल के कपड़े में लपेट कर लिए जाने वाले तापमान को वेट बल्ब टेंपरेचर कहते हैं. टेंपरेचर कैप्चर करने के तरीके से ही इसे ये नाम दिया गया है. इससे पहले, यूपी में ऐसी स्थिति 1959 में बनी है. हालांकि मौसम विभाग के वैज्ञानिक भी नहीं बता पा रहे कि उस समय क्या स्थिति हुई थी.

क्लाइमेट चेंज इसका सबसे बड़ा कारण हैं. हाल ही में दुबई में हुई मूसलाधार बारिश इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. प्रदेश या देश में अभी ऐसा ही मौसम बना हुआ है. कहीं बिना मौसम बारिश हो रही है और कहीं पर भीषण गर्मी पड़ना शुरू हो गई है.

16 अप्रैल 2023 को नवी मुंबई के खारघर में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 50 से ज्यादा बीमार हो गए। मौसम विभाग के एक्सपर्ट्स ने बताया कि टेंपरेचर केवल 34.1°C ही था. जो सामान्य से केवल 1 डिग्री ज्यादा था. फिर भी इतने लोग कैसे मर गए? तब इसकी वजह वेट बल्ब टेंपरेचर निकला. अब यही टेंपरेचर उत्तर प्रदेश में भी कैप्चर होने लगा है.

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