लिवर पूरे शरीर का प्रबंधन करता है. लिवर में कोई भी खराबी होने पर उसके लक्षण शुरुआती तौर पर नहीं उभरते. खासतौर पर लिवर कैंसर में तो शुरुआती तौर पर किसी तरह के लक्षण सामने आते ही नहीं है. जिसके कारण लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं चल पाता. जब लक्षण उभरते हैं तब तक लिवर कैंसर तीसरी या चौथी स्टेज में पहुंच चुका होता है. शुरुआती तौर पर कुछ सामान्य से लक्षण उभरते हैं. जिनकी अनदेखी करना घातक हो सकता है.
लिवर कैंसर के कुछ प्रमुख कारण होते हैं. इनमें लंबे समय तक हेपेटाइटिस बी या सी का संक्रमण है. इन संक्रमण से लिवर सिरोसिस हो सकता है और लिवर सिरोसिस से कैंसर हो सकता है. इसके अलावा यदि आप बहुत ज्यादा मात्रा में शराब पीते या तंबाकू खाते हैं तो लिवर कैंसर की खतरा बढ़ जाता है. लगातार पेट खराब रहना, मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज के कारण भी लिवर कैंसर का खतरा रहता है. इसके अलावा खराब दिनचर्या और खानपान के कारण भी लिवर कैंसर हो सकता है.
शुरुआती लक्षण
लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षणों में थकान सबसे मुख्य लक्षण है. लगातार थकान बनी रहती है तो जांच जरूर करवाएं. हालांकि थकान कई कारणों से हो सकती है या अन्य किसी बीमारी के कारण भी हो सकती है. इसके अलावा बिना किसी कारण वजन कम होना भी लिवर कैंसर का लक्षण है. पेट में लगातार दर्द रहना, उबकाई आना, उल्टी होना, पीलिया होना. इसके अलावा दाहिने कंधे में दर्द रहना भी लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. इन लक्षणों के उभरने पर लारवाही नहीं बरतनी चाहिए.
क्या करें
यदि आपको लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर जांच करवानी चाहिए. लिवर कैंसर का शुरुआती चरण में उपचार संभव है. इसके अलावा लिवर की नियमित जांच करवाते रहना चाहिए. आपको लिवर की कोई बीमारी है या फिर लिवर की खराबी से संबंधित कोई लक्षण हैं तो भी नियमित जांच करवानी चाहिए. साथ ही अपनी दिनचर्या और खानपान को नियंत्रित रखना चाहिए. इससे लिवर कैंसर से बचाव हो सकता है. लिवर को तंदरुस्त रखने के लिए आप योग की भी सहायता ले सकते हैं.