PCOD से जूझ रही महिलाएं क्या कर सकती हैं आसानी से बच्चा कंसीव? एक्सपर्ट से जानें सही जवाब!

महिलाओं में पीसीओडी की समस्या आज आम बात हो गई है. पीरियड से जुड़ी यह एक समस्या है. हार्मोन में गडबड़ की वजह से यह बीमारी किसी भी महिला में हो सकती है. महिला के अंडाशय के अंदर सिस्ट बनने से यह समस्या शुरू होती है. ये बीमारी 12 साल से ऊपर किसी भी लड़की में हो सकती है. इसका उम्र के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है. सिस्ट बनने के कई कारण हो सकते हैं और यह एक महिला को कई तरह से प्रभावित कर सकता है.

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पीरियड्स में अनिमितता और रुक-रुककर होने वाली इस समस्या के बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा कहती हैं कि आजकल यह समस्या इतनी कॉमन है की किसी भी उम्र की महिला इससे प्रभावित हो सकती है. इस स्थिति में महिलाओं को मां बनने में कठिनाई होने लगती है. महिला चाहकर भी बच्चा पैदा नहीं कर पाती है, लेकिन आयुर्वेद में इसका इलाज संभव है. आयुर्वेद में इस बीमारी का जड़ से खत्म करने का इलाज है. अगर कोई महिला पीसीओडी का शिकार है और वह मातृत्व का सुख चाहती हैं तो उसे आयुर्वेद की ओर जाना चाहिए.

आयुर्वेद में इलाज

दरअसल, पीसीओडी पीरियड्स से जुड़ी समस्या है. पीसीओडी एक ऐसी बीमारी है जिसे जीवनशैली में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है. इसमें ज्यादातर डॉक्टर्स महिला को आईवीएफ करवाने की सलाह दे देते हैं. एलोपैथी में डॉक्टर मानते हैं कि ऐसी स्थिति में महिला मां नहीं बन सकती है. ऐसे में महिला को समस्या बढ़ जाती है. आयुर्वेदिक इलाज से इस बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है. इसके बाद कोई भी महिला नैचुरली कन्सीव कर सकती है.

तीन महीने बाद महिला कर सकती हैं कंसीव

आयुर्वेद में 3 महीने तक अगर महिला का इलाज चलता है तो महिलाएं नैचुरली तरीके से कंसीव कर सकती हैं. आयुर्वेद में पंचकर्म थेरेपी, डाइट, एक्सरसाइज और आयुर्वेदिक दवाइयां शामिल होती हैं. महिला अगर आयुर्वेद पद्धति के जरिए इलाज करती हैं तो वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं. इसके लिए महिलाओं को हमेशा सकारात्मक रहना भी जरूरी होता है. इसके साथ-साथ खानपान का ध्यान रखना भी जरूरी है.

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