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राज्यों से भेदभाव के आरोप पर संसद में क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?

संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने पर INDIA ब्लॉक के सांसदों ने बजट को मुद्दा बनाते हुए प्रोटेस्ट किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा मंगलवार को पेश किए गए बजट को विपक्षी दलों के नेताओं ने ‘भेदभावपूर्ण’ करार दिया. विपक्षी दलों में संसद में बजट को मुद्दा बनाते हुए जोरदार हंगामा किया और बजट में राज्यों के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया.

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट को ‘भ्रामक’ बजट बताते हुए कहा, “हम इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं. बजट से केवल BJP सहयोगियों के हितों की पूर्ति हुई है. यह बजट केवल अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए है, किसी को कुछ नहीं दिया गया है.”

राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने यह कहते हुए वॉकआउट किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण में गैर-भाजपा शासित राज्यों का जिक्र तक नहीं किया गया.

राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बोलते हुए कहा, “मैंने महाराष्ट्र का जिक्र नहीं किया, लेकिन हमने राज्य में एक पोर्ट को मंजूरी दी है. इसकी कीमत 76,000 करोड़ रुपये है.”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की आलोचना पर कहा, “हर बजट में, आपको देश के हर राज्य का नाम लेने का समय नहीं मिलता है.”

उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने वडावन पर बंदरगाह बनाने का फैसला लिया था लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया. क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है? अगर स्पीच में किसी खास राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम उन राज्यों को नहीं मिलते? यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष का जानबूझकर लोगों को यह जताने की कोशिश है कि हमारे राज्यों को कुछ नहीं दिया गया है. यह एक अपमानजनक आरोप है.

वित्त मंत्री ने सवाल करते हुए कहा कि क्या कांग्रेस के वित्त मंत्रियों ने अपने बजट भाषणों के दौरान सभी राज्यों के नामों का जिक्र किया.

निर्मला सीतारमण ने तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘अब मुझसे पूछने की हिम्मत है?’ उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा लाई गई कई योजनाओं को बंगाल सरकार ने पिछले दस सालों में लागू नहीं किया है.

केंद्रीय बजट पर एसपी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “हम सभी मांग कर रहे थे कि किसानों को MSP मिले, लेकिन समर्थन मूल्य किसानों को नहीं बल्कि अपनी सरकार बचाने वाले गठबंधन सहयोगियों को दिया जा रहा है. सरकार महंगाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी. उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला. डबल इंजन की सरकार से यूपी को दोहरा लाभ मिलना चाहिए था. मुझे लगता है कि लखनऊ के लोगों ने दिल्ली के लोगों को नाराज कर दिया है. इसका नतीजा बजट में दिख रहा है. तो डबल इंजन का क्या फायदा?”

केंद्रीय बजट पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “ज्यादातर राज्यों के लिए इसमें बहुत कम है. केरल को कुछ उम्मीदें थीं, खासकर स्वास्थ्य क्षेत्र में, लेकिन वे सभी पूरी नहीं हुईं. हर राज्य के पास बताने के लिए अपने-अपने मुद्दे हैं.”

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