ऑस्ट्रेलियाई सांसद ने भारत विरोध में ऐसा क्या कहा कि मचा बवाल! पीएम अल्बानीज बोले, ‘माफी मांगो’

ऑस्ट्रेलिया की एक सीनेटर ने भारत विरोधी टिप्पणी की है जिसे लेकर देश के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने नाराजगी जताई है. आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज ने मंगलवार को कहा कि दक्षिणपंथी विपक्षी सांसद जसिंटा नम्पिजिनपा प्राइस को अपनी भारत विरोधी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सीनेटर की टिप्पणी से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीयों को नुकसान पहुंचा है.

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दक्षिणपंथी लिबरल पार्टी की सीनेटर जसिंटा प्राइस की भारत विरोधी टिप्पणी ऑस्ट्रेलिया में प्रवासी विरोधी प्रदर्शनों के बाद सामने आई है. इन प्रदर्शनों में देश में बढ़ती महंगाई के लिए कुछ हद तक भारतीयों को दोषी ठहराया गया है.

प्राइस ने पिछले हफ्ते एक रेडियो इंटरव्यू में कहा था कि अल्बानीज की वामपंथी सरकार बड़ी संख्या में भारतीयों को इसलिए देश में रहने की अनुमति दे रही क्योंकि वो उनका वोट बैंक बन रहे हैं.

ऑस्ट्रेलिया की विपक्षी सांसद ने क्या कहा कि मच गया बवाल

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, प्राइस ने कहा, ‘भारतीय समुदाय को लेकर चिंता है और वह भी केवल इसलिए क्योंकि ये लोग बड़ी संख्या में ऑस्ट्रेलिया में आ रहे हैं. और हम देख सकते हैं कि यह समुदाय लेबर पार्टी को वोट देता है.’

उनकी टिप्पणी से ऑस्ट्रेलियाई-भारतीय समुदाय में भारी नाराजगी है जिसके कारण उनकी अपनी पार्टी के भीतर से भी माफी की मांग उठने लगी है.

मंगलवार को सरकारी ब्रॉडकास्टर एबीसी को दिए इंटरव्यू में अल्बानीज ने कहा, ‘भारतीय समुदाय के लोग दुखी हैं. सीनेटर ने जो टिप्पणियां की हैं, वे सच नहीं हैं और निश्चित रूप से उन्हें (भारतीयों को) जो ठेस पहुंची है, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उनकी अपनी पार्टी के लोग भी ऐसा कह रहे हैं.’

ऑस्ट्रेलिया में बढ़ रही भारतीय विरोधी भावना

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2023 में ऑस्ट्रेलिया में 8,45,800 भारतीय मूल के लोग रह रहे थे, जो पिछले दशक की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है. ऑस्ट्रेलिया में जन्मे लाखों लोग किसी न किसी रूप में भारतीय मूल के होने का दावा करते हैं.

न्यू साउथ वेल्स की राज्य सरकार ने मंगलवार को सामुदायिक समूहों के साथ एक बैठक आयोजित की, जिसमें ऑस्ट्रेलिया में बढ़ती भारतीय विरोधी भावना पर चर्चा की गई.

राज्य के प्रीमियर क्रिस मिन्न्स ने कहा, ‘आज हम ऑस्ट्रेलियाई-भारतीय समुदाय के साथ खड़े होकर साफ-साफ कहना चाहते हैं कि पिछले कुछ हफ्तों में हमने जिस प्रकार की नस्लवादी बयानबाजी और विभाजन पैदा करने वाले झूठे दावे देखे हैं, उनके लिए हमारे राज्य या देश में कोई स्थान नहीं है.’

इस संबंध में भारत की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत विरोधी भावना में बढ़ोतरी को लेकर ऑस्ट्रेलिया के साथ बातचीत की जा रही है.

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