नई दिल्ली: ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों को सफर के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी टिकट कंफर्म होने और टिकट कैंसिल करने में होती है. अक्सर लोग वेटिंग टिकट बुक खरीद लेते हैं और फिर उसके कंफर्म होने का इंतजार करते रहते हैं और जब उन्हें लगता है कि टिकट कंफर्म नहीं होगा, तो वह टिकट कैंसिल कर देते हैं.
जब आप अपना वेटिंग टिकट कैंसिल करते हैं तो रेलवे आपके टिकट कैंसिल करने के लिए एक तय चार्ज वसूलता है. ऐसे में कई लोगों का यही सवाल होता है कि जब टिकट वेटिंग है तो रेलवे इसे कैंसिल कराने पर किस चीज का चार्ज लेता है. इतना ही नहीं टिकट कंफर्म नहीं होने पर भी आपको पूरा पैसा वापस नहीं मिलता.
टिकट कैंसिल करने पर चार्ज क्यों लेता है रेलवे?
अगर रेलवे ने आपसे भी कभी वेटिंग टिकट कैंसिल करके यह फीस ली है और आपके मन में भी यह सवाल है कि आखिर रेलवे टिकट कैंसिल करने पर चार्ज क्यों लेती है तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं. दरअसल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि आखिर रेलवे यात्रियों से यह चार्ज क्यों लेता है?
उन्होंने लोकसभा में बताया गया कि रेल मंत्रालय यात्रियों से सभी वेटिंग लिस्ट टिकट पर ‘क्लर्केज’ फीस लेता है. रेल मंत्री ने कहा कि टिकट कैंसिलेशन समेत सभी सोर्स से मिलने वाले रेवेन्यू का इस्तेमाल रेलवे रखरखाव और उसके संचालन से संबंधित कामों में होता है.
अश्विनी वैष्णव ने वेटिंग लिस्ट वाले टिकट के कैंसिलेशन फीस के बारे में पूछे गए सवालों के लिखित जवाब में कहा, “रेल यात्री (टिकट कैंसिलेशन और किराया वापसी) नियम 2015 के मुताबिक IRCTC की वेबसाइट के जरिए रेलवे कैंसल किए गए सभी वेटिंग टिकट पर क्लर्केज फीस लेता है.”
लोकसभा में सांसद इकरा हसन ने उठाया मामला
बता दें कि लोकसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने ट्रेनों में सीट की कमी के कारण रेलवे द्वारा कैंसल किए गए वेटिंग लिस्ट वाले टिकट पर कैंसिलेशन फीस लगाने का मामला उठाया था.
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार रेलवे द्वारा रद्द किए गए वेटिंग लिस्ट वाले टिकट पर कैंसिलेशन फीस को माफ करने का प्लान कर ही है? इस पर वैष्णव ने कहा कि एडवांस रिजरवेशन पीरियड के दौरान ‘कंफर्म/आरएसी’ टिकट के कैंसिल होने पर खाली होने वाली सीट को भरने के लिए वेटिंग लिस्ट वाले टिकट जारी किए जाते हैं.
कैंसिलेशन फीस से मिलने वाला पैसा अलग नहीं रखा जाता
रेल मंत्री ने बताया कि वेटिंग लिस्ट वाले टिकट यात्रियों के पास अपडेट योजना के तहत ‘अपग्रेड’ होने या विकल्प योजना के तहत वैकल्पिक ट्रेन में ट्रांसफर होने का विकल्प भी होता है.