पद्म अवार्ड से सम्मानित लोगों को क्या-क्या सुविधाएं देती है सरकार?

पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण, इनमें से कोई भी अवार्ड जब किसी को मिलता है तो उसके परिवार, गांव, जिले और प्रदेश के लिए यह गौरव का विषय होता है. यह सम्मान हर साल केद्र सरकार गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) से एक दिन पहले घोषित करती है. बाद में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में इसे दिया जाता है. इस दौरान प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, केन्द्रीय मंत्री समेत तमाम हस्तियां शामिल होते हैं.

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वहीं साल 2025 के लिए भी शनिवार को केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है. इन नागरिक पुरस्कारों में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं. क्या आप जानते हैं कि पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने वालों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं? क्या इसके साथ पैसे भी मिलते हैं?

कब हुई पद्म पुरस्कारों की शुरुआत?

भारत रत्न के बाद भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री आते हैं. इनमें हर साल सबसे ज्यादा पद्मश्री सम्मान दिए जाते हैं. बता दें कि भारत सरकार ने साल 1954 में पद्म सम्मान की शुरुआत की थी. साल 1955 में इसे पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण नाम दिया गया.

किन हस्तियों को मिलता है पद्म सम्मान?

यह सम्मान कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, मेडिसिन, सामाजिक कार्य, विज्ञान, तकनीक, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में असाधारण काम करने वाली हस्तियों को दिए जाते हैं. इनमें डॉक्टर और साइंटिस्ट दो ऐसे लोग हैं, जिन्हें सरकारी सेवा में रहते हुए भी यह सम्मान दिया जा सकता है.

 

सम्मानित लोगों को क्या मिलती हैं सुविधाएं?

बता दें कि राष्ट्रपति पद्म पुरस्कार से सम्मानित शख्स को एक प्रमाणपत्र और पदक देते हैं. पैसे की बात करें तो पद्म पुरस्कारों से सम्मानित लोगों को किसी भी तरह की धनराशि नहीं दी जाती है. यह सिर्फ एक सम्मान है. पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण, तीनों ही पुरस्कारों में पैसे नहीं दिए जाते हैं. न ही किसी भी तरह की रेलवे या एयर फेयर में छूट या कोई और सुविधा मिलती है.

 

सरकार वापस ले सकती है पुरस्कार

जानकारी के मुताबिक यह पुरस्कार कोई पदवी नहीं है कि सम्मानित व्यक्ति इसको अपने नाम के साथ इस्तेमाल करे. अगर कोई अपने नाम के साथ पद्म पुरस्कार का जिक्र करता है तो सरकार उनसे पुरस्कार को वापस ले सकती है.

 

कैसे मिलता है पद्म सम्मान?

इसके लिए सरकार हर साल आवेदन मांगती है. जिसको भी ऐसा लगता है कि उसने तय क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है तो आवेदन कर सकता है. सरकार आवेदन की जांच करती है. वहीं कोई व्यक्ति, संस्था, सांसद, विधायक, मंत्री भी किसी के नाम की सिफारिश कर सकते हैं. हालांकि इस पर अंतिम फैसला भारत सरकार की ओर से गठित कमेटी करती है.

 

113 हस्तियों को पद्मश्री

इस बार 113 हस्तियों को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. जिसमें अद्वैत चरण गडनायक, अच्युत रामचन्द्र पालव,अजय वी भट्ट,अनिल कुमार बोरो,अरिजीत सिंह,अरुंधति भट्टाचार्य,अरुणोदय साहा,अरविन्द शर्मा,अशोक महापात्रा,अशोक लक्ष्मण,आशुतोष शर्मा,अश्विनी भिड़े देशपांडे,बैजनाथ महाराज,बैरी गॉडफ्रे जॉन,बेगम बतूल,भरत गुप्त,भेरू सिंह चौहान,भीम सिंह भावेश,भीमव्वा डोड्डाबलप्पा,बुधेन्द्र जैन,सीएस वैद्यनाथन,चैतराम देवचंद,चंद्रकांत शेठ (मरणोपरांत),चंद्रकांत सोमपुरासचेतन चिटनीस,डेविड सिम्लिह,दुर्गाचरण रणबीर,फारूक अहमद मीर,गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, गीता उपाध्याय,गोकुल चन्द्र दास,गुरुवयूर दोराई,हरचंदन सिंह भट्टी,हरिमन शर्मा,हरजिंदर सिंह श्रीनगर वाले,हरविंदर सिंह,हसन रघु, हेमन्त कुमार,हृदय नारायण दीक्षित,ह्यूग और कोलीन गैंटजर (मरणोपरांत) (जोड़ी) शामिल हैं.

इनके अलावा इनिवलाप्पिल विजयन, जगदीश जोशीला, जसपिंदर नरूला, जोनास मसेटी, जोयनाचरण बाथरी, जुमदे योमगाम गामलिन, के. दामोदरन, केएल कृष्णा, के ओमानकुट्टी अम्मा, किशोर कुणाल (मरणोपरांत), एल हैंगथिंग, लक्ष्मीपति रामसुब्बैयर, ललित कुमार मंगोत्रा, लामा लोबजंग (मरणोपरांत), लीबिया लोबो सरदेसाई, एमडी श्रीनिवास, मदुगुला नागफनी सरमा, महाबीर नायक, ममता शंकर, मंदा कृष्णा मडिगा, मारुति भुजंगराव चितामपल्ली, मिरियाला अप्पाराव (मरणोपरांत), नागेंद्र नाथ राय, नारायण (भुलई भाई) (मरणोपरांत), नरेन गुरुंग, नीरजा भाटला, निर्मला देवी, नितिन नोहरिया, ओंकार सिंह पाहवा, पी दत्चानमूर्ति, पंडीराम मंडावी, परमार लवजीभाई नागजीभाई, पवन गोयनका, प्रशांत प्रकाश, प्रतिभा सत्पथी, पुरीसाई कन्नप्पा संबंदन और आर अश्विन को भी पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा.

 

वहीं आरजी चंद्रमोगन, राधा बहिन भट्ट, राधाकृष्णन देवसेनापति, रामदरश मिश्र, रणेन्द्र भानु मजूमदार, रतन कुमार परिमू, रेबा कांता महंत, रेंथली लालरावना, रिकी ज्ञान केज, सज्जन भजनका, सैली होल्कर, संतराम देसवाल, सत्यपाल सिंह, सीनी विश्वनाथन, सेथुरमन पंचनाथन, शेखा शेखा अली अल-जबर अल-सबा, शीन काफ़ निज़ाम (शिव किशन बिस्सा), श्याम बिहारी अग्रवाल, सोनिया नित्यानंद, स्टीफ़न नैप, सुभाष खेतुलाल शर्मा, सुरेश हरिलाल सोनी, सुरिंदर कुमार वासल, स्वामी प्रदीप्तानन्द (कार्तिक महाराज), सैयद ऐनुल हसन, तेजेन्द्र नारायण मजूमदार, थियाम सूर्यमुखी देवी, तुषार दुर्गेशभाई शुक्ला, वदिराज राघवेंद्राचार्य पंचमुखी, वासुदेव कामथ, वेलु आसन, वेंकप्पा अम्बाजी सुगतेकर, विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी महाराज, विजयालक्ष्मी देशमाने, विलास डांगरे और विनायक लोहानी भी पद्मश्री से सम्मानित लोगों की लिस्ट में शामिल हैं.

19 लोगों को मिलेगा पद्म भूषण?

पद्म भूषण से सम्मानित होने वालों की लिस्ट में 19 लोगों के नाम हैं. जिसमें ए. सूर्या प्रकाश साहित्य और शिक्षा पत्रकारिता (कर्नाटक), अनंत नाग, कला (कर्नाटक), बिबेक देब रॉय (मरणोपरांत) साहित्य और शिक्षा (एनसीटी दिल्ली), जतिन गोस्वामी, कला (असम), जोस चाको पेरियप्पुरम, चिकित्सा (केरल), कैलाश नाथ दीक्षित, पुरातत्व (एनसीटी दिल्ली), मनोहर जोशी (मरणोपरांत) लोक कार्य (महाराष्ट्र), नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी, व्यापार और उद्योग (तमिलनाडु), नंदामुरी बालकृष्ण, कला (आंध्र प्रदेश), पीआर श्रीजेश, खेल (केरल), पंकज पटेल, व्यापार और उद्योग (गुजरात), पंकज उधास (मरणोपरांत) कला (महाराष्ट्र), रामबहादुर राय, साहित्य और शिक्षा (पत्रकारिता) (उत्तर प्रदेश), साध्वी ऋतंभरा, सामाजिक कार्य (उत्तर प्रदेश), एस. अजित कुमार, कला (तमिलनाडु), शेखर कपूर, कला (महाराष्ट्र), शोभना चंद्रकुमार, कला (तमिलनाडु), सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत) लोक कार्य (बिहार) और विनोद धाम, विज्ञान और इंजीनियरिंग (अमेरिका) शामिल हैं.

7 लोगों को पद्म विभूषण?

पद्म विभूषण अवार्ड पाने वालों में दुव्वूर नागेश्वर रेड्डी, चिकित्सा (तेलंगाना), न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर, लोक कार्य (चंडीगढ़), कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया, कला (गुजरात), लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम, कला (कर्नाटक), एमटी वासुदेवन नायर (मरणोपरांत) साहित्य और शिक्षा (केरल), ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत) व्यापार और उद्योग (जापान) और शारदा सिन्हा (मरणोपरांत) कला (बिहार) शामिल हैं.

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