आजकल एक शब्द तो अपने हर किसी से ही सुना होगा मिनिमलिस्ट यह शब्द काफी ज्यादा ट्रेंडी बन चुका है और फैशन डिजाइनिंग फूड टेक्नोलॉजी ब्यूटी और हाउसिंग जैसी बहुत सी इंडस्ट्री में यूज भी किया जाता है. मीडिया में भी इसके बहुत से चर्चे हैं और नेटफ्लिक्स में भी इस पर डॉक्यूमेंट्री भी बनी हुई है. लेकिन यह मिनिमलिज्म होता क्या है.
तो जैसा की इसके नाम से पता चल रहा है की मिनिमलिज्म का मतलब है (Less is more) यानि की हमारी लाइफ में क्या जरूरी है हम उसे पहचान कर अपने पास रखें लें बाकी सब अपनी लाइफ से बाहर निकाल दे. क्योंकि जब अननेसेसरी चीजों को अपनी लाइफ से रिमूव कर दिया जाता है तो ऐसी जरूरी चीजों पर फोकस करने के लिए टाइम और कैपेसिटी बच पति है जो हमारी लाइफ में सच में मैटर करती है. लाइफ में जो इंपॉर्टेंट है उसके लिए टाइम और स्पेस क्रिएट करना और जो डिस्ट्रक्ट करता हो उसे एलिमिनेट ही कर देना ही मिनिमलिज्म है. वैसे तो यह शब्द सदियों से है लेकिन आज इसके फेमस होने का कारण है डिसेटिस्फेक्शन के फील का बढ़ जाना सब कुछ होते हुए भी लाइफ को एंजॉय ना कर पाना. फिजिकल, मेंटल और डिजिटल चीजों से हमेशा घिरे रहना जिससे एंजायटी और स्ट्रेस बढ़ता होता है और इन सब को दूर करने के लिए सेटिस्फेक्शन को पाने के लिए जीने का एक तरीका है मिनिमलिज्म जो लाइफ को जो लाइफ के हर एक्सपेक्ट मैं पॉजिटिव चेंजेज ला सकता है.
मिनिमलिज्म एक पर्सन मिनिमल थिंकिंग के साथ रहते हुँ सेटिस्फाई महसूस करता है. उसका परपज चीजों को इकट्ठा करने की बजाय एक्सपीरियंस को जमा करना होता है. काम समान के साथ रहते हुए लाइट फील करने की यह जर्नी इस उम्मीद से भरी होती है कि लाइफ में पीस और हैप्पीनेस मिल जाए और टेंशन, स्ट्रेस दूर चला जाए.
मिनिमलिस लाइफस्टाइल के कई सारे बेनिफिट्स हो सकते हैं जैसे ज्यादा की जरूरत महसूस नहीं होती बल्कि जितना आपके पास पहले से है उतना ही काफी लगता है ज्यादा कुछ खोने के लिए होता नहीं है इसलिए कम इस स्ट्रेट होता है और माइंड एकदम रिलैक्स रहने लगता है. अपने घर से लेकर अपने माइंड तक से अनवांटेड स्टॉप को बाहर निकाल दिया जाता है ताकि जरूरी चीजों और इमोशंस के लिए ज्यादा जगह बनाया जा सके यह लाइफस्टाइल फॉलो करने से खर्च कम होने लगते हैं और सेविंग इंक्रीज हो जाती है मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल खुद की ट्रू सेल्फ से कनेक्ट होने में मदद करती है जो हैप्पीनेस और सेटिस्फेक्शन का फील देता है. हालांकि यह लाइफस्टाइल अपनाना काफी लोगों के लिए चैलेंज भी हो जाता है क्यूंकि आज के डिजिटल वर्ल्ड में क्लॉथ शूज और गैजेट जैसे मटेरियल पजेशन से दूर रहना सबके बस की बात नहीं है तो ऐसे में मिनिमलिस लाइफस्टाइल को अपनी लाइफ में इस तरह अपना ना कि वह ज्यादा चैलेंजिस भी ना लगे और उसका बेनिफिट भी हम ले सके के लिए मिनिमलिस को एक सिंपल समझने की बस है एक प्रोसेस समझना चाहिए. जिसे पूरा होने में टाइम लगेगा और बहुत सी आसान बातों को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया को पूरा किया जाए तो आसानी से मिनिमलिस लाइफस्टाइल से होने वाले फायदे को लिया जा सकता है.