महिलाओं के शरीर में कई तरह की बीमारियां होती हैं. इनमें से एक है पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज (PID) भी है. पीआईडी आमतौर पर महिलाओं में 16 साल की उम्र के बाद होता है. यह एक एक गंभीर महिला प्रजनन स्वास्थ्य समस्या है जिसमें महिला के प्रजनन अंगों में सूजन और संक्रमण होता है. यह इंफेक्शन यूट्रस से शुरू होकर फैलोपियन ट्यूब और ओवरी तक पहुंचता है. अगर समय पर इसका इलाज न हो तो ये बांझपन का कारण भी बन सकता है.
क्या होते हैं पीआईडी के लक्षण
अगर किसी महिला को उनकेपेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार, समय पर पीरियड्स न आना, संबंध बनाने के दौरान अधिक दर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं कतो ये पाआईडी हो सकता है. इन लक्षणों के दिखते ही महिलाओं को अपनी जांच करानी चाहिए. अगर समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं होता है तो बांझपन, एक्टोपिक प्रेगनेंसी और प्रजनन अंगों में दर्द हो सकता है.
PID का इलाज क्या है
संक्रमण को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है. इन दवाओं का कुछ महीनों का कोर्स चलता है. दवाओं को हर दिन समय के अनुसार लेना होता है. अगर किसी महिला को पीआईडी से बचना है तो जरूरी है कि सुरक्षित यौन संबंध बनाएं. नियमित यौन स्वास्थ्य जांच करवाना महत्वपूर्ण है. इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको बार-बार ये इंफेक्शन तो नहीं हो रहा है. अगर ऐसा हो रहा है तो इस बात की जानकारी डॉक्टर को जरूर दें. इस मामले में लापरवाही न करें.