अच्छी नींद हमारी सेहत और मेंटल पीस के लिए बेहद जरूरी होती है. लेकिन क्या हो अगर आपका पार्टनर खर्राटे लेता हो, रात भर करवटें बदलता रहे, या फिर अलग-अलग सोने की आदतों के कारण आपकी नींद पूरी न हो? कई लोग अपने पार्टनर के खर्राटे लेने की वजह से काफी परेशान रहते हैं और सुबह चिड़चिड़ाहट के साथ उठते हैं. ऐसे में हाल के दिनों में “स्लीप डिवोर्स” का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है.
खासतौर पर यंग कपल्स और वर्किंग प्रोफेशनल्स के बीच ये कॉन्सेप्ट पॉपुलर हो रहा है. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि स्लीप डिवोर्स क्या है, ये कैसे काम करता है और इसे अपनाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
क्या है स्लीप डिवोर्स?
स्लीप डिवोर्स का मतलब ये नहीं है कि आप अपने पार्टनर से रिश्ता तोड़ रहे हैं, बल्कि इसका अर्थ है अलग-अलग कमरों या अलग-अलग बेड पर सोना ताकि दोनों को अच्छी और बिना रुकावट वाली नींद मिल सके. कई कपल्स अलग सोने का ये फैसला इसलिए लेते हैं क्योंकि उनकी नींद की आदतें मेल नहीं खातीं, कोई खर्राटे लेता है, या किसी को बार-बार उठने की आदत होती है.
क्यों बढ़ रहा है स्लीप डिवोर्स का ट्रेंड?
पिछले कुछ सालों में लोगों ने अपनी मेंटल हेल्थ और नींद की क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान देना शुरू किया है. कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि अच्छी नींद का हमारी फिजिकल और इमोशनल हेल्थ से सीधा संबंध होता है. अगर नींद पूरी नहीं होती, तो रिश्तों में चिड़चिड़ापन, झगड़े और तनाव बढ़ सकता है. यही वजह है कि कई यंग कपल्स अब “स्लीप डिवोर्स” को अपना रहे हैं. इसके पीछे ये कारण हो सकते हैं.
बेहतर नींद के लिए- अगर कोई पार्टनर खर्राटे लेता है या नींद में बहुत हिलता-डुलता है, तो दूसरा पार्टनर ठीक से सो नहीं पाता. ऐसे में अलग सोने से दोनों को अच्छी और बिना किसी रुकावट वाली नींद मिलती है.
रिश्ते में स्ट्रेस कम करता है- अच्छी नींद लेने के बाद मूड अच्छा रहता है, जिससे रिश्ते में प्यार और पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है. जब दोनों पार्टनर फ्रेश और रिलैक्स महसूस करते हैं, तो झगड़ों की संभावना भी कम हो जाती है.
अलग सोने की आदतें- कई बार कपल्स के सोने और उठने के टाइम में बहुत फर्क होता है. किसी को जल्दी सोने की आदत होती है, तो किसी को देर रात तक फोन चलाने या काम करने की. ऐसे में अलग सोना दोनों के लिए फायदेमंद होता है.
कैसे करता है स्लीप डिवोर्स काम?
स्लीप डिवोर्स को अपनाने के लिए कपल्स अलग-अलग कमरों में या फिर एक ही कमरे में अलग-अलग बेड पर सोने का फैसला लेते हैं. ये पूरी तरह से उनकी सुविधा और कंफर्ट पर डिपेंड करता है. कई कपल्स इस कॉन्सेप्ट को अपनाने के बाद पाते हैं कि वे ज्यादा एनर्जेटिक और खुश महसूस करते हैं, जिससे उनके रिश्ते भी बेहतर होते हैं.
किन बातों का रखें ध्यान?
स्लीप डिवोर्स अपनाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि यह आपके रिश्ते पर नेगेटिव असर न डाले. जैसे बातचीत करें . बिना बात किए अचानक अलग सोने का फैसला रिश्ते में गलतफहमी पैदा कर सकता है. दिनभर के काम के बाद कुछ समय साथ बिताएं ताकि रिश्ते की गर्माहट बनी रहे. ये सिर्फ नींद की क्वालिटी सुधारने के लिए है, इसलिए इसका असर इमोशनल बॉन्डिंग पर न पड़े. अगर आपको इसकी जरूरत नहीं है, तो इसे सिर्फ फैशन के तौर पर अपनाने की जरूरत नहीं.