क्या है 89 करोड़ रुपये का कोल एक्सपोर्ट घोटाला, क्यों पहुंची गुजरात पुलिस छत्तीसगढ़ के कुरुद? जानें पूरा मामला

कुरुद: गुजरात के बहुचर्चित कोल फ्रॉड मामले में दो फरार आरोपियों को गुजरात पुलिस की साइबर टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से उनके एक रिश्तेदार के यहां से धर दबोचा है. दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद साइबर टीम अपने साथ गुजरात ले गई है. आरोपियों के नाम  भिलाई निवासी संजय अग्रवाल और सचिन अग्रवाल है, जिनका ठिकाना गुजरात भी है. कोल फ्रॉड मामले में दोनों आरोपियों के अन्य साथी फरार है.

बताया जाता है कि उक्त दोनो आरोपी भाजपा से जुड़े एक बड़े रसूखदार के घर पनाह लिए थे, जो कि उनके दूर के रिश्तेदार है. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को छुड़ाने के लिए कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक रसूख और पूरी ताकत झोंक दी थी. लेकिन मामला इतना बड़ा था कि सारी जोड़-तोड़ और रसूखदारी की कोशिशें नाकाम साबित हुईं. उधर, सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा उबाल मार रहा था. यूजर्स तंज कसते हुए लिख रहे हैं थे कि करोड़ों की ठगी करने वाले भगोड़ों को घर में शरण देना, धर्म और अध्यात्म का लबादा ओढ़कर बेईमानी को वैध ठहराने की शर्मनाक मिसाल है.

तीन लोगों ने मिलकर बैंक खाते से की करोड़ो की हेराफेरी

गांधीधाम बी डिवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता पवनसिंह लाछंद मोरे 63 वर्ष, व्यवसायी, गांधीधाम निवासी ने बताया कि उनकी कंपनी ने दिसंबर 2024 में कोकिंग कोल निर्यात का अनुबंध किया था. इसके तहत 27, 300 मीट्रिक टन कोयला की आपूर्ति कांडला पोर्ट से जहाज के माध्यम से की गई. इस निर्यात का मूल्य लगभग 89 करोड़ था. आरोपी संजयकुमार इंद्रचंद अग्रवाल ने बैंक से केवल 16.50 करोड़ का आंशिक भुगतान किया और शेष 36 करोड़ देने का आश्वासन देकर ठगी कर ली.

जाँच में खुलासा हुआ कि यह रकम आरोपियों ने अपनी दूसरी कंपनी गांधीधाम में ट्रांसफर कर दी. गांधीधाम पुलिस ने आगे की जाँच में पाया कि कंपनी का संचालन संजय अग्रवाल की पत्नी राखीबेन और सहयोगी सचिन कुमार अग्रवाल के हाथों में भी था. तीनों ने मिलकर मिलीभगत से बैंक खाता खोला और करोड़ों रुपये का हेरफेर किया.

धारा 54 बीएनएस अधिनियम में नए आरोपी शामिल

पुलिस निरीक्षक एसवी गोजिया की रिपोर्ट और संलग्न बैंक दस्तावेजों के आधार पर गांधीधाम की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने साफ कहा कि जाँच में अन्य आरोपी भी संलिप्त पाए गए हैं. इसलिए धारा 54 बीएनएस अधिनियम के तहत संजयकुमार अग्रवाल के साथ-साथ उनकी पत्नी राखीबेन और सचिनकुमार अग्रवाल को भी मूल अपराध प्रकरण में आरोपी के रूप में शामिल किया जाए. अदालत ने पुलिस के आवेदन को मंजूरी दे दी.

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