डिजिटल अरेस्ट से लोगों को बचाने के लिए क्या कर रही सरकार? संसद में दी ये जानकारी

बजट सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रपति संसद में लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की शुरुआत हुई. इस दौरान कई नेताओं ने सदन में अपनी बात रखी. इसके अलावा प्रश्नकाल के दौरान कई सवाल भी सरकार से पूछे गए. संसद में इस बार देश में बढ़ रहे साइबर अपराधों के बारे में भी सवाल किया. बीजेपी सांसद दग्गुबती पुरंदेश्वरी और सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट को लेकर सरकार से जानकारी मांगी.

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दोनों सांसदों की तरफ से सदन में पिछले 5 सालों के दौरान हुई बैंक धोखाधड़ी और सालाना आंकडें मांगे गए. इसके साथ ही सांसदों ने पूछा कि सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या काम कर रही है. इन सवालों का जवाब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया.

पंकज चौधरी ने क्या दिया जवाब?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सांसद के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि डिजिटल अरेस्ट साइबर क्राइम का ही एक रूप है. जिसको रोकने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. अपराध और अपराधियों के प्रति हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है.

पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार के विभागों और राज्य सरकारें आपस में मिलकर इन अपराधों को रोकने का काम कर रही हैं. इन घटनाओं की रोकथाम के लिए एक कमेटी भी गठित की गई थी. जिसका नाम indian cyber crime coordination centre है. जिसने टेलीकॉम डिपार्टमेंट के साथ मिलकर करीब 17000 व्हाट्सएप अकाउंट बंद किए गए हैं. जिसका इस्तेमाल साइबर अपराधी कर रहे थे. इसके साथ ही उन अकाउंट को भी बंद किया गया है जो संदिग्ध थे.

डिजिटल अरेस्ट के खिलाफ सरकार के तमाम विभाग एक साथ काम कर रहे हैं. इन अपराधों को रोकने के लिए बड़े स्तर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें सोशल मीडिया, मोबाइल फोन रिंगटोन और विज्ञापन शामिल हैं. इन अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता की बहुत जरूरत है. पीएम मोदी भी इन अपराधों को लेकर अपने कार्यक्रम मन की बात में जिक्र कर चुके हैं. उनहाेंने लोगों से सतर्क रहने की अपील की थी.

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