मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के पचोर में हुई 12वीं की छात्रा अंजलि जायसवाल की संदिग्ध मौत, पुलिस के लिए अब मिस्ट्री बनती जा रही है. घटना की शिकायत के 72 घंटे बाद भी पुलिस को फिलहाल कोई ऐसा सुराग नहीं मिला है जिससे इस 12वीं की छात्रा की मौत की गुत्थी को सुलझाया जा सके. लगातार मृतक अंजलि के परिजनों की और से अलग-अलग और बदलते बयान पुलिस के लिए इस मामले को सुलझाने में मुसीबत बनते जा रहे हैं.
राजगढ़ के पचोर में बालाजी नगर में बीते 24 सितंबर की दोपहर में 12वीं की छात्रा अंजलि जायसवाल को उसके माता-पिता और परिजन पचोर अस्पताल बेहोशी की हालत में लेकर पहुंचे थे. यहां अंजलि की हालत को बिगड़ते देख उसे शाजापुर रेफर किया गया था जहां अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद अंजलि के परिजनों ने पचोर थाने का घेराव किया और बताया की अंजलि को उसके घर में दो अज्ञात नकाबपोश आरोपियों ने जबरदस्ती जहर खिला दिया और मौके से फरार हो गए. इसकी सूचना परिजनों ने पचोर पुलिस को दी थी.
स्कूल डायरेक्टर पर मामला छिपाने का आरोप
इसके बाद मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस एक्शन मोड में आई और इस प्रकरण को सुलझाने के लिए जांच शुरू कर दी कि. परिजनों ने अंजली के स्कूल डायरेक्टर पर इस प्रकरण को दबाने का आरोप लगाया. इसके बाद पुलिस ने स्कूल से लेकर शहर भर के तमाम सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग चेक की कि अगर अंजलि की हत्या कर कोई आरोपी फरार हुआ है तो शायद उसका कोई सुराग मिल पाए. उधर स्कूल के डायरेक्टर से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि अंजलि के पिता ने उनके स्कूल में पहले करीब 10 साल तक लगातार काम किया था और उनके स्कूल की छात्रा की मौत हो जाने के कारण वह अंजलि के घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने गए थे और उनका इस घटना से कोई वास्ता नहीं है. उन्होंने पुलिस को तमाम सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग सहित अपना बयान भी नोट करवाया.
अंजलि के घर पहुंचे थे दिग्विजय सिंह
वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह छात्रा अंजलि के घर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे जहां उन्होंने भी बताया कि परिजनों से बात करने के बाद आखिरी बयानों के आधार पर मामला संवेदनशील नजर आता है और पुलिस को इस मामले को हल्के में नहीं लेना चाहिए. जल्द से जल्द और सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. मिली जानकारी के मुताबिक, जिस दिन अंजली की मौत हुई उस दिन उसका फिजिक्स का आखिरी पेपर था. बारह बजकर एक मिनट पर पिता का फोन अजली के पास आया था. स्कूल में प्राचार्य हमेशा बच्चों से बात कराते समय कॉल रिकॉर्डिंग पर कर देते थे पर उस समय अंजली ने कॉल रिकॉर्डिंग को ऑफ कर बात की जिससे यह पता नहीं चल पा रहा कि क्या बात हुई. फिलहाल मामला संदिग्ध नजर आ रहा है और पुलिस की जांच जारी है.