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ये कैसा वायरल फीवर? 10 दिनों तक नहीं छोड़ रहा पीछा, भोपाल-जबलपुर समेत कई जिलों में बुरा हाल

भोपाल/जबलपुर : मध्य प्रदेश में धुआंधार बारिश और बीच-बीच में पड़ रही भीषण गर्मी और उमस से मौसमी बीमारियां चरम पर हैं. इन दिनों प्रदेश के ज्यादातर जिलों में वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जहां वायरल से पीड़ित मरीजों की संख्या में 15-20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, तो वहीं जबलपुर में भी वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में अचानक उछाल आया है. भोपाल और जबलपुर जिला चिकित्सालय में भी रोजाना ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

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क्यों अलग है ये वायरल बुखार?

जबलपुर की गोरखपुर सिविल डिस्पेंसरी में पदस्थ डॉ. अनुपमा पटेल कहती हैं, ” निश्चित ही इस बदलते मौसम में वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है. हमारे यहां भी मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है. हर दूसरा व्यक्ति खांसी और बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहा है. हां, ज्यादातर पीड़ितों का ये मानना है कि बुखार ठीक होने में पहले से ज्यादा वक्त लग रहा है. यह वायरल फीवर ज्यादा दिनों तक लोगों के शरीर पर असर कर रहा है. ऐसे में लोगों को इससे बचने के लिए मास्क लगाने, साफ पानी पीने, संतुलित आहर लेने और स्वच्छता के साथ रहने की सलाह दी जाती है.”

बुखार को हल्के में न लें

बात करें राजधानी भोपाल की तो यहां औसत से ज्यादा बारिश के बाद सीजनल फीवर के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ी है. भोपाल के जेपी अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर के पहुंच रहे हैं. केवल सरकारी ही नहीं प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिकों का भी यही हाल है. भोपाल के एमडी मेडिसन डॉ. प्रवीण पांडे कहते हैं, ” केवल शहरी ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग बुखार ठीक नहीं होने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं. कई लोगों का मानना है कि बुखार ठीक होने में पहले से ज्यादा वक्त लग रहा है. कई लोगों को ठीक होने में हफ्ते से 10 दिन भी लग रहे हैं. ऐसे में लोगों को बुखार को हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टरी मदद लेनी चाहिए.”

वायरल के साथ डेंगू-मलेरिया का भी खतरा

प्रदेश के कई जिलों में ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में भी वायरल के साथ डेंगू-मलेरिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. स्वास्थ्य विभाग लोगों को लगातार मच्छरों से बचने, पानी जमा न होने और स्वच्छता के साथ रहने की सलाह देता आ रहा है. डॉक्टर्स के मुताबिक डेंगू-मलेरिया के मच्छर शाम के समय ही अधिक काटते हैं. ऐसे में फुल कपड़े पहनने से भी बचाव हो सकता है. वहीं इन बीमारियों में भी व्यक्ति को पहले तेज बुखार या वायरल जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. ऐसे में लापरवाही करना खतरनाक हो सकता है. थोड़े से भी लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करवाना और इलाज कराना चाहिए. इस मौसम में बच्चों को लेकर अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है.

मौसमी बीमारियों से बचने के तरीके

बिना मास्क के बाहर न निकलें.

बाहर से आने के बाद हाथ-पैर अच्छी तरह धोएं.

हाथों को समय-समय पर सैनिटाइज करें.

उबला पानी पिएं, बाहर खाने से बचें.

मच्छरों और कीड़ों से बचाव करें.

बीमार होने पर पब्लिक प्लेस, ऑफिस आदि जाने से बचें. इससे आप दूसरों को संक्रमित होने से बचा सकते हैं.

सर्दी-जुखाम होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

 

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