सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या खाएं और क्या नहीं, जानें कैसे रखें अपना ख्याल?

मां बनना हर महिला के जिंदगी का सबसे खूबसूरत अहसास होता है. नौ महीने तक बच्चे को अपने गर्भ में रखने के बाद उसे गोद में लेने का वो पल हमेशा के लिए यादगार होता है. लेकिन अब उन पर अपनी और बच्चे दोनों की सेहत का ख्याल रखने की जिम्मेदारी भी होती है. खासकर जिनकी सिजेरियन डिलीवरी हुए होती है.

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सिजेरियन डिलीवरी ऑपरेशन को कहा जाता है. इसके बाद मां को रिकवर करने में काफी समय लगता है. ऐसे में ऑपरेशन के बाद शुरुआत के कुछ समय महिला को अपनी सेहत और खान-पान का ख्याल रखने की बहुत जरूरत होती है, क्योंकि इस दौरान की गई गलती से उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या खाएं और क्या नहीं, साथ ही अपना ख्याल कैसे रखें. जानते हैं इसके बारे में एक्सपर्ट से

क्या खाएं और क्या नहीं?

जयपुर की गायनेकोलॉजी डॉक्टर प्रीति शर्मा ने बताया कि सी-सेक्शन यानी सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला का शरीर धीरे-धीरे रिकवर होता है, इसलिए इस समय खास देखभाल जरूरी होती है. अगर क्या खाएं इसके बात करें तो उन्हें शुरुआत में हल्का और सुपाच्य खाना लेना चाहिए जिसमें खिचड़ी, दलिया, सब्जियों का सूप और नारियल पानी शामिल है. धीरे-धीरे जब पाचन ठीक हो जाए तो दाल, हरी सब्जियां, फल, दूध, सूखे मेवे और प्रोटीन युक्त चीजें जैसे अंडा और पनीर भी खाना उनके लिए सही रहेगा. कब्ज से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए और फाइबर युक्त चीजें खानी चाहिए. ज्यादा तला-भुना, मसालेदार खाना, कैफीन और गैस बनाने वाली चीजें जैसे छोले, राजमा आदि से परहेज करना चाहिए.

अपनी सेहत का ऐसे रखें ख्याल

इसके साथ ही डिलीवरी के बाद महिला को ज्यादा आराम करना चाहिए, लेकिन पूरी तरह बिस्तर पर नहीं रहना चाहिए, धीरे-धीरे हल्का चलना-फिरना भी जरूरी है ताकि शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहे और रिकवरी में भी मदद मिले. इसके साथ ही टांकों की सफाई और सही देखभाल करना भी बहुत जरूरी है. किसी भी तरह का दर्द, सूजन या संक्रमण लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. ब्रेस्टफीडिंग से मां और बच्चे दोनों को फायदा होता है, इसलिए अगर हो सके तो स्तनपान जरूर कराएं.

शारीरिक आराम के साथ ही मेंटली हेल्दी रहना भी बहुत जरूरी है इसलिए परिवार और पति का साथ और मानसिक स्पोर्ट भी मां की हेल्थ के लिए जरूरी होता है. याद रखें कि सी-सेक्शन कोई कमजोरी नहीं है, यह एक मेडिकल प्रक्रिया है जो मां और बच्चे की सुरक्षा के लिए की जाती है. इसके साथ ही ऑपरेशन के बाद रिकवरी पर ध्यान दें बच्चे के साथ ही अपना ख्याल भी रखें.

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