“हम क्या खाएँगे?” – मुआवज़ा बिना ही धान की फसल नष्ट, औरंगाबाद के किसान भड़के

औरंगाबाद  : जिले के नवीनगर प्रखंड के पांडेय कर्मा में किसानों के धान फसल को नष्ट करने का मामला सामने आया है, दरअसल, वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें किसानों का आरोप है कि खेत में लगी धान की फसल को अधिकारियों की मौजूदगी में ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया गया. इससे किसानों में आक्रोश है. किसान अनिरुद्ध पांडेय ने बताया कि अधिकांश लोगों को जमीन के बदले कोई मुआवजा राशि नहीं मिली है.
यहां के अधिकारी पीएनसी कंपनी के साथ सांठ-गांठ कर लोगों को परेशान कर रहे हैं. पांडे कर्मा और इगुनी डिहबार गांव में शासन का भय दिखाकर फसलों को ट्रैक्टर से रौंद दिया गया. अभी किसी किसान को मुआवजा राशि नहीं दी गई है. इसके बावजूद फसलों को बर्बाद कर दिया गया. उन्होंने बताया कि मुआवजा कब तक मिलेगा, इसका कोई अता पता नहीं है. हम खेती नहीं करेंगे तो क्या खाएंगे.
प्रशासनिक अधिकारी कंपनी के दलाल के तौर पर काम कर रहे हैं. एक तरफ प्रभावित किसान सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहते हैं कि बिना मुआवजा दिए आप जमीन नहीं ले सकते हैं। वहीं मौके पर मौजूद अधिकारी ऊपर से मिले आदेश का हवाला देते हुए काम कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के जिला संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह ने उग्र आंदोलन की बात कही है. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से किसान उचित मुआवजा को लेकर आंदोलन कर रहे है. इसके बाद भी सरकार कुछ नहीं कर रही है. जबरन हमारी जमीन को हड़पना चाहती है. कैमूर और रोहतास के किसानों का मुआवजा दोगुना कर दिया गया.
लेकिन औरंगाबाद में उन्हें मुफ्त में जमीन चाहिए,  अगर यही रवैया रहा तो जल्द ही जिले भर के प्रभावित किसान चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. इधर, मामले में सीओ निकहत परवीन का कहना है कि पूर्व में ही किसानों को नोटिस भेजा गया था. एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित किए जाने वाली भूमि में फसल न लगाने की अपील की गई थी, लेकिन किसान नहीं माने और अधिग्रहित जमीन में धान की फसल लगा दिया.
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