हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हैं. घायलों को अलग-अलग जिलों के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भी कुछ घायल भर्ती हैं. इनमें से एक पीड़ित शिवमंगल सिंह हैं, जो घटना वाले दिन अपनी पत्नी के साथ बाबा के कार्यक्रम में दिल्ली से आए थे.
हाथरस में जब भगदड़ मची तो दिल्ली से आए शिवमंगल सिंह की पत्नी घायल हो गईं. इस समय वह एएमयू के मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती है. शिवमंगल का कहना है कि बाबा का इसमें कोई दोष नहीं है. वह कभी नहीं कहते कि उनके पीछे लोग आएं. इसमें पब्लिक की गलती है. उनकी पत्नी को चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन वह बाबा के यहां जाना नहीं छोड़ेंगे.
मीडिया से बात करते हुए एटा के रहने वाले शिवमंगल सिंह ने कहा कि मेरी पत्नी आईसीयू में भर्ती हैं, वह घायल हो गई हैं. हाथरस में हादसे के समय मैं और मेरी पत्नी वहां थे. हम लोग दिल्ली से आए थे. पिछले डेढ़ साल से हम लोग उनके यहां जा रहे हैं, क्योंकि वे अच्छी प्रेरणा देते हैं. अच्छे रास्ते पर चलना बताते हैं. जात पात का कोई भेदभाव नहीं बताते. सभी लोगों को एक साथ रहने की शिक्षा देते हैं. अच्छी-अच्छी बातें बताते हैं, इसलिए जाते हैं.
शिवमंगल ने बताया कि घटना के वक्त मैं वहां था, लेकिन थोड़ा दूर था. हमें बाद में पता चला कि ऐसे-ऐसे यहां पर कुछ लोग दब गए हैं. इतना पता चला था. मैंने फोन किया तो मेरी पत्नी का फोन उनके साथ वालों ने उठाया. मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने जगह बताई कि कहां पर हैं. मैं ढूंढ़ते ढूंढ़ते वहां पहुंचा तो वहां पत्नी नहीं मिली तो मैं हॉस्पिटल में पहुंचा. वहां पत्नी थीं. वहां से रेफर कर दिया गया. अब अलीगढ़ के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं.
शिवमंगल सिंह ने कहा कि इस घटना में पब्लिक का दोष है. बाबा जी थोडे़ ना कहते हैं कि हमारे पीछे दौड़ो. उन्होंने साफ मना किया है कि हमारे पीछे आने की कोई जरूरत नहीं है. पब्लिक इतनी बेताब हो जाती है आगे पीछे दौड़ने के लिए कि मैं पहले निकल जाऊं. बाबा साफ मना करते हैं कि आपाधापी न करें. धीरे-धीरे निकल कर जाएं. भाई बहनों को आगे करें. यह नहीं कि पहले मैं निकल जाऊं. पब्लिक ने आपाधापी खुद की है और वह खुद जिम्मेदार है.
शिवमंगल ने कहा कि बाबा के कमांडो या सेवादार भी दोषी नहीं हैं. उन्होंने भी नहीं कहा कि बाबा के पीछे दौड़ो. केवल पब्लिक जिम्मेदार है. इसके लिए पत्नी भी दोषी हैं. जब वहां पर भीड़ थी, तो वह क्यों गईं. हम अब भी इस कार्यक्रम में जाएंगे. मेरी पत्नी अस्पताल में हैं. हम अब भी जाना पसंद करेंगे. मेरी पत्नी को चाहे कुछ भी हो जाए, हम जाना बंद नहीं करेंगे.