जब पुतिन से मिले डोभाल! ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच रूस ने बताया भारत के साथ कैसी दुनिया बनाना चाहते हैं

रूस ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की मॉस्को यात्रा को ‘अधिक न्यायपूर्ण’ और ‘टिकाऊ विश्व व्यवस्था’ की स्थापना के लिए किया गया दौरा बताया है. रूस का कहना है कि दोनों ही देश ऐसी विश्व व्यवस्था बनाना चाहते हैं जहां ‘अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की सर्वोच्चता सुनिश्चित’ हो, साथ ही जहां आधुनिक चुनौतियों और खतरों का संयुक्त रूप से मुकाबला करने की भावना हो. रूस के टॉप सुरक्षा अधिकारी सर्गेई शोइगु का ये बयान अमेरिका की टैरिफ दादागीरी के बीच उस वर्ल्ड ऑर्डर का आह्वान है जहां अमेरिका की धमकी नहीं चलेगी और जहां एकतरफा फैसले नहीं थोपे जाएंगे.

रूस यात्रा पर पहुंचे एनएसए अजित डोभाल ने कल राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन के साथ रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु और राष्ट्रपति पुतिन के सलाहकार यूरी उषाकोव मौजूद थे. जबकि एनएसए अजित डोभाल के साथ रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार मौजूद थे.

मजबूत, भरोसेमंद, टाइम-टेस्टेड मैत्रीपूर्ण बंधन

इससे पहले गुरुवार को डोभाल ने सर्गेई शोइगु और अन्य अधिकारियों के साथ अलग-अलग बंद कमरे में चर्चा की. बैठक से पहले अपने प्रारंभिक भाषण में शोइगु ने भारत-रूस संबंधों को परिभाषित करते हुए कहा कि रूस और भारत “मजबूत, भरोसेमंद, टाइम-टेस्टेड मैत्रीपूर्ण बंधनों से जुड़े हुए हैं.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के साथ संबंध मास्को के लिए “सर्वोपरि” हैं.

शोइगु ने कहा कि दोनों देशों का लक्ष्य “एक नई, अधिक न्यायसंगत और टिकाऊ विश्व व्यवस्था बनाना है, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून की सर्वोच्चता सुनिश्चित करे, साथ ही आधुनिक चुनौतियों और खतरों का संयुक्त रूप से मुकाबला करे.”

डोभाल द्विपक्षीय ऊर्जा और रक्षा संबंधों पर महत्वपूर्ण वार्ता करने और इस वर्ष के अंत में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की जमीन तैयार करने के लिए बुधवार को यहां पहुंचे हैं.

उनकी यात्रा ऐसे दिन शुरू हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश जारी कर रूसी तेल खरीदने पर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया, जो दोगुना होकर 50 प्रतिशत हो गया.

मोदी-पुतिन मुलाकात की तैयारी

रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव शोइगू ने कहा कि, “हमारे देशों के बीच अब एक बहु-स्तरीय विश्वास-आधारित राजनीतिक संवाद प्रभावी रूप से कार्य कर रहा है. यह राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नियमित संपर्कों पर आधारित है. हमारे नेताओं के बीच अगली पूर्ण वार्ता की तिथियां निर्धारित करना महत्वपूर्ण है.”

शोइगु ने कहा कि मॉस्को के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी को व्यापक रूप से मजबूत करना है, जो “पारस्परिक सम्मान, विश्वास, एक-दूसरे के हितों के प्रति बराबर चिंता और एकीकृत एजेंडे को बढ़ावा देने की इच्छा” पर आधारित है.

एनएसए अजित डोभाल ने दोनों देशों के बीच की यात्रा काफी सकारात्मक रही. उन्होंने कहा कि “राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के बारे में जानकर हम बेहद उत्साहित और प्रसन्न हैं. मुझे लगता है कि अब तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिखर सम्मेलन हमेशा से ही महत्वपूर्ण मोड़ रहे हैं. उन्होंने हमेशा हमारे संबंधों को एक नई दिशा दी है.”

अमेरिकी दूत से मुलाकात पर डोभाल को ब्रीफ करेगा रूस

क्रेमलिन के विदेश नीति एक्सपर्ट यूरी उषाकोव ने यह भी कहा कि रूस अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के मॉस्को दौरे से जुड़े अपडेट भी डोभाल को देगा. स्टीव विटकॉफ अमेरिका के दिग्गज कूटनीतिज्ञ हैं वे पुतिन-ट्रंप मुलाकात की जमीन तैयार करने के लिए मॉस्को में हैं. ये मुलाकात अगले सप्ताह हो सकती है. अगर पुतिन-ट्रंप की मुलाकात होती है तो यूक्रेन युद्ध पर अहम गतिविधि हो सकती है. ऐसी स्थिति में ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी में भी बदलाव देखने को मिल सकता है. विटकॉफ ने बुधवार को ट्रंप से मुलाकात की थी.

यूरी उषाकोव ने कहा, “हर कोई पहले से ही जानता है कि विटकॉफ की रिपोर्ट के तुरंत बाद ट्रम्प ने अपने कई प्रमुख यूरोपीय भागीदारों को बुलाया और उनके साथ इस मामले पर चर्चा की. मैं यह नोट करना चाहूंगा कि हमने भी उचित चैनलों का उपयोग करते हुए अपने निकटतम भागीदारों और मित्रों को विटकॉफ के साथ उक्त बैठक के दौरान चर्चा किए गए मुद्दों के बारे में सूचित करना शुरू कर दिया है.”

वहीं पुतिन से बातचीत के दौरान अजित डोभाल ने ने बाहरी दबाव के बावजूद रूस के साथ सभी मोर्चों पर सहयोग जारी रखने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे पुतिन ने स्वीकार कर लिया है.

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