कोरोना के दौरान काम छूटा तो मॉडल छापने लगा नकली नोट, एक साल में खपा दिए 20 लाख

इंदौर। पुलिस ने नकली नोट छापने और खपाने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। सरगना नागपुर का मनप्रीत सिंह विर्क है जो मुंबई में मॉडलिंग करता था। कोरोना में काम न मिलने पर उसने नकली नोट छापना शुरू कर दिया।

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आरोपित महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 20 लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट खपा चुका है। डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक पुलिस ने कुछ दिनों पूर्व देवास नाका से आरोपित शुभम उर्फ पुष्पांशु रजक, अनुराग सिंह चौहान और मोहसिन खान को गिरफ्तार किया था।

नकली नोट से जुड़ी चैटिंग मिली

पूछताछ में बताया कि डांडियावास (राजस्थान) निवासी महिपाल उर्फ मोहित बेड़ा से कमीशन पर नोट (नकली) लिए थे। बेड़ा की नसरुल्लागंज में जलेबी की दुकान है। पुलिस ने महिपाल को गिरफ्तार कर उसका इंस्टाग्राम अकाउंट खंगाला तो मनप्रीत सिंह की चैटिंग मिली जो नकली नोट से संबंधित थी।

मॉडलिंग करता था

सोमवार को टीम ने नागपुर से जरीपटवा क्षेत्र में दबिश देकर मनप्रीत सिंह पुत्र कुलविंदर सिंह विर्क निवासी चाक्स कॉलोनी कामटी रोड नागपुर (महाराष्ट्र) और मलकीत पुत्र गुरमेश सिंह विर्क निवासी श्योपुर को पकड़ लिया। आरोपित मनप्रीत मॉडलिंग करता था।

उसने मुंबई में विज्ञापन में काम किया है। कोविड-19 में लॉक डाउन हुआ तो नागपुर लौटना पड़ा। फिल्म-विज्ञापन में रोल न मिलने पर उसने नकली नोट छापना शुरू कर दिया। उसने पड़ोसी मलकीत के साथ मिलकर एक फ्लैट किराए पर लिया और 200 और 500 के नकली नोट छापना शुरू कर दिए।

डीसीपी के मुताबिक पुलिस ने आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस), इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), स्पेशल टास्क फोर्स को भी सूचना दी है। आईबी ने रिपोर्ट बनाकर आरबीआई को भेजी है। एजेंटों की तीनों राज्यों में जानकारी जुटाई रहे हैं।

टीआई तारेश सोनी के मुताबिक मनप्रीत सिंह की इंस्टाग्राम पर पंजाब के एक युवक से दोस्ती हुई थी। चैटिंग के दौरान उसने नकली नोट छापने के बारे में चर्चा की। उसने यू-ट्यूब पर भी तरकीब समझी और कलर प्रिंटर, चमकीली पन्नी, अच्छी गुणवत्ता वाला कागज, लैपटाप, कटर आदि की व्यवस्था की।

मलकीत सिंह के साथ बैठकर नकली नोट छापना शुरू कर दिए। कुछ दिनों बाद मनप्रीत नोट छापने में सफल हो गया। उसने नोट खपाने के लिए भी इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल किया। महिपाल से दोस्ती हुई और नकली नोट चलाने के बारे में पूछा।

आरोपित एक हजार के असली नोट के बदले दो हजार के नकली नोट देता था। महिपाल द्वारा ऑनलाइन रुपये देने पर कोरियर और बस (पार्सल) द्वारा नोट भिजवा देता था। महिपाल राजस्थान, भोपाल, नसरुल्लागंज, इंदौर में एजेंट के माध्यम से नकली नोट चलाता था। टीआई के मुताबिक मनप्रीत 20 लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट बाजार में चलाना कबूल रहा है।

नकली नोट से लाखों कमा कर विदेश घूमने गया

एजेंट आरोपित महिपाल सिंह मुख्य एजेंट है। उसने मोहसिन, अनुराग और शुभम के माध्यम से नकली नोट चलाए हैं। उसका टारगेट ग्रामीण इलाके, सब्जी मंडी, शराब दुकान, किराना दुकान, पेट्रोल पंप ही थे। आरोपित ने नकली नोट की कमाई से विदेश यात्राएं भी कीं। आरोपित नोट पर आरबीआई की हरी पट्टी लगाने की कोशिश भी करते थे। नोट पर हरी पन्नी पेस्ट कर देते थे।

ई-कामर्स वेबसाइट से पेपर खरीदने की कोशिश

20 लाख से ज्यादा के नकली नोट खपाने के बाद आरोपित कारोबार बढ़ाने की कोशिश कर रहा था। मनप्रीत ने ई-कामर्स वेबसाइट से नोट छापने वाला कागज, प्रिंटर, कटर, कलर खरीदने के लिए संपर्क किया था। उसने पुलिस को बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से ही एजेंट से डील करता था।

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