चोल साम्राज्य के महान शासक राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के मौके पर रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के अरियालुर जिले स्थित गंगैकोंडा चोलपुरम मंदिर का दौरा करने पहुंचे, जहां उन्होंने चोल वंश की समृद्ध विरासत को श्रद्धांजलि अपर्ति की. चोल साम्राज्य दक्षिण-पूर्व एशिया तक था. इस मौके पर महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘जब मैं ‘ॐ नमः शिवाय’ सुनता हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं.’
यूनिस्को विश्व धरोहर का हिस्सा है मंदिर
11वीं सदी में राजेंद्र चोल द्वारा निर्मित शिव मंदिर में पीएम मोदी ने तमिल परिधान- वेष्टि और अंगवस्त्र पहनकर पूजा-अर्चना की और फिर मंदिर का भ्रमण किया. ये शिव मंदिर चोल वंश की स्थापत्य कला और सैन्य शक्ति का प्रतीक है. ये मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल ग्रेट लिविंग चोल मंदिरों का हिस्सा है.
‘मैं ‘ॐ नमः शिवाय’ सुनता हूं… तो’
PM मोदी ने गंगैकोंडा चोलपुरम मंदिर में महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘एक प्रकार से ये राज राजा की श्रद्धा भूमि है और आज इलैयाराजा ने जिस प्रकार हम सभी को शिवभक्ति में डुबो दिया… क्या अद्भुत वातावरण था. मैं काशी का सांसद हूं, जब मैं ‘ॐ नमः शिवाय’ सुनता हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं. शिव दर्शन की अद्भुत ऊर्जा, ये आध्यात्मिक अनुभव मन को भावविभोर कर देता है.’
Advertisement
PM ने कहा कि मुझे भगवान बृहदेश्वर के चरणों में उपस्थित होकर पूजा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. मैंने इस ऐतिहासिक मंदिर में 140 करोड़ भारतीयों के कल्याण और भारत की निरंतर प्रगति के लिए प्रार्थना की है. मेरी कामना है कि सभी को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो. चोल राजाओं ने अपने राजनयिक और व्यापारिक संबंधों का विस्तार श्रीलंका, मालदीव और दक्षिण-पूर्व एशिया तक किया था. ये भी एक संयोग है कि मैं कल ही मालदीव से लौटा हूं और आज तमिलनाडु में इस कार्यक्रम का हिस्सा बना हूं.
पीएम का ये तमिलनाडु दौरा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांस्कृतिक जुड़ाव की कोशिश का हिस्सा है, जहां पार्टी अपनी राजनीतिक पहुंच को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. पीएम मोदी अक्सर अपनी सभाओं में तमिल साहित्य और लोक कथाओं का जिक्र किया है.
संपन्न हुआ आदि तिरुवथिराई उत्सव
गंगैकोंडा चोलपुरम को राजेंद्र चोल ने लगभग एक हजार सालों पहले दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी विजयी समुद्री यात्रा के बाद ‘विजय नगरी’ के रूप में स्थापित किया था. प्रधानमंत्री इस मंदिर में आदि तिरुवथिराई उत्सव में शामिल होने के लिए पहुंचे. 23 जुलाई से शुरू हुए इस उत्सव का भव्य समापन आज यानी रविवार को हुआ.
पवित्र स्तोत्रों के पाठ से PM का स्वागत
शैव धर्मग्रंथों के पारंगत विद्वान शिवाचार्य और ओथुवमूर्ति ने पवित्र स्तोत्रों का पाठ कर प्रधानमंत्री का स्वागत किया. इस अवसर पर महान संगीतकार इलैयाराजा द्वारा तिरुवासगम पर आधारित एक विशेष संगीतमय प्रस्तुति भी आयोजित की गई. मंदिर परिसर को फूलों और हरी मेहराबों से सजाया गया था, जबकि सुरक्षा-व्यवस्था के लिए पुलिस ने पूरे क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लिया.
इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, वित्त मंत्री थंगम थेनारसु, हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री पीके शेखर बाबू, परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर और केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने भी हिस्सा लिया.