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जब एक फोन कॉल पर मनमोहन सिंह ने तुड़वा दिया था विरोधी पार्टी के मुख्यमंत्री का उपवास

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार रात राजधानी नई दिल्ली में निधन हो गया. कांग्रेस नेता और आर्थिक सुधारों के प्रणेता सिंह के निधन पर देश दुनिया की हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है. इस बीच तमाम दिग्गज पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपने पुराने दिनों के किस्सों को याद कर रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में मौजूदा केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मनमोहन सिंह से जुड़ा एक संस्मरण याद किया है.

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चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने एक सोशल मीडिया में लिखा, ”भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी आज हमारे बीच नहीं रहे. उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है.

वे अत्यंत विनम्र, सहज और सरल थे. मुख्यमंत्री रहते हुए मुझे कई विषयों पर सदैव उनका मार्गदर्शन मिला. डॉ. साहब शुचितापूर्ण राजनीति के पर्याय थे. 90 के दशक में उनकी उदारीकरण की नीतियां भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं.

मुझे एक संस्मरण याद आता है. पहले पाला को राष्ट्रीय आपदा नहीं माना जाता था और इस समस्या को लेकर मैं संघर्षरत था. यह विषय मैंने प्रधानमंत्री जी के समक्ष रखा तो उन्होंने एक कमेटी बनाई और श्रद्धेय प्रणब मुखर्जी जी, शरद पवार जी के साथ मुझे भी उसमें स्थान दिया. अंततः कमेटी ने पाला को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया.

डॉ. साहब का व्यक्तित्व विजनरी था. मेरे मन में सदैव उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान रहा. एक बार वॉशिंगटन दौरे पर एक पत्रकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जी को ‘अंडर अचीवर’ कहा तो मैंने तुरंत प्रतिकार किया और सम्मान पूर्वक कहा कि हमारे प्रधानमंत्री कभी अंडर अचीवर नहीं हो सकते.

डॉ. साहब ने सदैव दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्यों को हरसंभव सहयोग दिया. एक बार मैं मध्यप्रदेश में किसानों की समस्या को लेकर उपवास पर बैठा तो यह उनका बड़प्पन था कि उन्होंने फोन पर तुरंत उपवास तोड़ने को कहा और समस्या के निवारण का आश्वासन दिया. सचमुच वह महान थे, निश्चय ही उनका जाना भारतीय राजनीति की बड़ी क्षति है. ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें. विनम्र श्रद्धांजलि!”

एक किस्सा यूपी सरकार के मंत्री ने भी सुनाया

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समाज कल्याण असीम अरुण ने फेसबुक पर लिखा, ”मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका (तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह) बॉडी गार्ड रहा. एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था. एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता. यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा. ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी.

डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी – मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी. मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति). मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है. लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते. जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है. करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है.”

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