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‘जब रक्षक बन जाए भक्षक’… मां बयान से पलट गई, फिर भी कोर्ट ने पिता को सुना दी उम्रकैद की सजा

Gwalior Court: पिता के रिश्ते को शर्मसार करने वाले एक मामले में अदालत (Court) ने सख्त रुख अपनाया है. अपनी ही बेटी को हवस (Rape Case) का शिकार बनाने वाले सौतेले पिता को उम्र कैद की सजा सुना दी गयी है. खास बात यह है कि सुनवाई के दौरान आरोपी की पत्नी और उसकी सौतेली बेटी ने अपने पिता के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया, यानी वह दोनों पक्षी द्रोही हो गए. इसके बावजूद इसके कोर्ट ने एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट (DNA Report) को पर्याप्त सबूत मानते हुए 30 साल के सौतेले पिता को उम्र कैद की सजा दी है. कोर्ट में पीड़िता की मां अपनी शिकायत से मुकर गई. उसने सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया कि उनका आपस का झगड़ा था लेकिन पुलिस ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज कर लिया था.

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कब का है मामला?

घटना 4 मई 2022 की है. ग्वालियर के विश्विद्यालय थाने में महज साढ़े आठ वर्ष की अबोध बालिका के साथ रेप करने का केस दर्ज किया गया था. बताया गया था कि आरोपी और कोई नहीं बल्कि उसका सौतेला पिता है. आरोपी ने जिस महिला से शादी की थी उसकी पहले से ही बेटी थी. पीड़िता की मां अस्पताल में कार्यरत है. घटना की एफआईआर दर्ज हुई और आरोपी की गिरफ्तारी भी की गई.

वहीं सरकारी अधिवक्ता आशीष राठौर ने बताया कि बेटी और उसकी मां ने अभियोजन ने इस बात को नहीं माना. लड़की के कपड़ों पर मिले सैंपल और डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इसे कोर्ट ने पुख्ता सबूत माना था. इस बीच आरोपी ने अपनी कम उम्र होने और पहला अपराध होने का हवाला देते हुए रियायत देने का आग्रह किया था. लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया.

कोर्ट ने कहा कि जिस घर में बेटियां ही सुरक्षित नहीं है और रक्षक की भक्षक बन जाएं, ऐसे में आरोपी के खिलाफ नरमी बरती जाना उचित नहीं है. कोर्ट ने युवक को आजीवन कारावास के साथ ही 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित करने का फैसला सुनाया.

 

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