उत्तराखंड के हरिद्वार के गंगनहर कोतवाली क्षेत्र में कपड़ा कारोबारी के घर 90 लाख रुपये की चोरी के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. चोरी किसी ओर ने नहीं बल्कि उसकी बेटी और दामाद ने मिलकर की थी. कर्ज चुकाने के लिए उन्होंने यह चोरी की. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और पूछताछ के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर 48 लाख रुपये बरामद किए हैं. आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
पीड़ित मोहम्मद सरवर ने बताया कि चोरी की घटना 10 अप्रैल की रात उस समय सामने आई, जब वे दुकान से लौटे. पड़ोसी ने बताया कि उनके पुराने मकान का ताला टूटा हुआ है. जब उन्होंने ऊपर बने कमरे में जाकर देखा, तो 90 लाख रुपये से भरा बैग गायब मिला. सरवर ने हाल ही में अपना गोदाम बेचकर यह रकम जुटाई थी.
बेटी पर पहले ही जताया था शक
सरवर ने तुरंत गंगनहर कोतवाली पुलिस को सूचना दी और बताया कि उसी दिन दोपहर में उनकी बेटी शीबा घर आई थी और वह बार-बार अपने पति अजीम से मोबाइल पर बात कर रही थी. उन्होंने शक जताया कि शीबा ने घर की चाबी चुराकर अपने पति को दी और फिर चोरी करवाई. पुलिस ने घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की और शीबा व अजीम को हिरासत में लेकर पूछताछ की.
पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल लिया. अजीम ने बताया कि उस पर काफी कर्ज था और शीबा ने घर में रखी नकदी की जानकारी दी थी. इसी के बाद उन्होंने चोरी की योजना बनाई. अजीम ने बताया कि चोरी की रकम उसने अपनी आई-20 कार में छिपाई थी, जो सती मोहल्ला स्थित श्मशान घाट के पास खड़ी थी. पुलिस ने मौके पर जाकर कार से 48 लाख रुपये बरामद किए. शेष रकम अजीम ने अपने छोटे भाई वसीम को दे दी थी, जिसे वसीम ने एक नाई की दुकान में रखे फूड सप्लीमेंट के डिब्बों में छिपा रखा था. वहां से 11 लाख 60 हजार रुपये की बरामदगी हुई.
चोरी की रकम से खरीदे थे सप्लीमेंट
पूछताछ के दौरान अजीम ने बताया कि उसने चोरी की रकम से फूड सप्लीमेंट खरीदे और अपनी कार की बकाया किस्तें जमा कर दी थीं. पुलिस ने शीबा, अजीम और वसीम—तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. इस पूरी कार्रवाई में गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह, वरिष्ठ उपनिरीक्षक आनंद मेहरा, उप निरीक्षक प्रवीण बिष्ट, मनीष कवि, कांस्टेबल इसरार, रुड़की सीआईयू प्रभारी अंकुर शर्मा और अश्वनी कुमार शामिल रहे.