Karnataka Education Minister Madhu Bangarappa: कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने एक ऑनलाइन सेशन के दौरान एक छात्र के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देने के लिए एक नया विवाद खड़ा कर दिया. यह घटना बुधवार (20 नवंबर 2024) को विधान सौधा में सरकारी प्री-डिग्री कॉलेज के छात्रों के लिए राज्य के मुफ्त ऑनलाइन नीट, सीईटी कोचिंग के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान हुई. बंगारप्पा को एक ऑनलाइन संवाद में छात्रों के साथ उलझते हुए देखा गया था.
ये विवाद तब खड़ा हो गया जब एक छात्र ने कहा कि वह (मंत्री) ठीक से कन्नड नहीं बोल रहे हैं. इतना सुनते ही शिक्षा मंत्री ने कहा “यह कौन कह रहा है? क्या मैं अभी उर्दू में बोल रहा हूं? टीवी पर वे लोग कहेंगे कि इसे रखो और इसे चलाओ. किसने कहा कि मैं कन्नड़ नहीं जानता? इसे रिकॉर्ड करें, उनके खिलाफ कार्रवाई करें. यह बहुत मूर्खतापूर्ण था. इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए. मैं चुप नहीं रहूंगा और इसे जाने दूंगा.”
बीजेपी ने मंत्री के बयान का किया विरोध
इसके बाद बंगारप्पा को प्रधान सचिव रितेश कुमार को मामले को नहीं छोड़ने का निर्देश देते देखा गया. इंडिया टुडे के मुताबिक, शिक्षा विभाग के अधिकारी बयान देने वाले छात्र की तलाश कर रहे थे. दूसरी ओर, भाजपा ने शिक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया की आलोचना की है. बीजेपी नेता बासनगौड़ा आर पाटिल यतनाल ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा, “राज्य को यह पता है कि शिक्षा मंत्री कन्नड़ नहीं बोलते. तथ्य यह है कि मंत्री ने एक छात्र के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मीडिया के सामने कहा कि एक मंत्री को यह बताने के लिए कि वह कन्नड़ नहीं बोलता है, यह दर्शाता है कि वह कितना बेईमान है.”
‘मंत्री अक्षम, छात्र पर कार्रवाई क्यों?’
बासनगौड़ा ने आगे कहा कि “राज्य के शिक्षा मंत्री को स्पष्ट रूप से कन्नड़ में बोलना, लिखना, पढ़ना और संवाद करना सीखना चाहिए” और “छात्रों और पत्रकारों दोनों से रचनात्मक आलोचना स्वीकार की जानी चाहिए. लोकतंत्र में छात्रों सहित सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, इसे दबाना घृणित और निंदनीय है. मंत्री की अक्षमता पर सवाल उठाने वाले छात्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.”
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