छिंदवाड़ा में सहायक विकास अधिकारी की बाइक को डंपर ने टक्कर मार दी. राहगीरों ने उन्हें पास के चौरई अस्पताल पहुंचाया, लेकिन यहां डॉक्टर नहीं मिला. राहगीरों का कहना है कि ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने डॉक्टर से फोन पर बात कर प्राथमिक इलाज कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। रास्ते में घायल की मौत हो गई.
माता-पिता रोते-बिलखते जिला अस्पताल पहुंचे और बेटे के शव को देखकर बदहवास हो गए। घटना छिंदवाड़ा-सिवनी मार्ग पर डूंगरिया के पास शनिवार देर शाम की है. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में एडीओ मेहुल डेहरिया (28) की पोस्टिंग छिंदवाड़ा जिले के परासिया में थी. शनिवार को वह डयूटी खत्म कर अपने घर सिवनी लौट रहे थे. इसी दौरान हादसा हो गया.
परिजन ने बताया, मेहुल ने शाम 6 बजे ही अपनी मां से वीडियो कॉल पर बात की थी. मां ने बेटे को पांच बार फोन कर समझाया था कि ‘बाइक से मत आना, बस से आ जाना.’ लेकिन मेहुल दोस्तों से बाइक खड़ी करने की बात कहकर, उसी से घर के लिए निकल गया.
तीन युवकों ने पहुंचाया अस्पताल
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, डूंगरिया के पास एक डंपर ने बाइक सवार को टक्कर मार दी थी. घायल सड़क पर पड़ा था. इस दौरान पास से गुजर रहे तीन युवक, जो कपूरदा मंदिर दर्शन करने जा रहे थे, उन्होंने घायल को चौरई अस्पताल पहुंचाया.
ड्यूटी डॉक्टर बोले- मैं पहुंच गया था
ड्यूटी डॉक्टर डॉ. प्रणय भार्गव को आने में समय लग रहा था इसलिए नर्स ने डॉ. संदीप भट्टाचार्य से फोन पर बात कर प्राथमिक इलाज कर दिया. डॉ. भट्टाचार्य छुट्टी पर हैं, लेकिन उन्होंने फोन पर नर्स को गाइड कर दिया था.
डॉ. प्रणय भार्गव की ड्यूटी का समय शाम 8 बजे से सुबह 8 बजे तक रहता है. वे अस्पताल परिसर में ही रहते हैं. डॉ. भार्गव का कहना है कि घायल की क्रिटिकल कंडीशन होने पर नर्स का कॉल आया था। मैं वहां पहुंच गया था. हालत गंभीर होने पर घायल को छिंदवाड़ा रेफर कर दिया.
डंपर चालक की तलाश कर रही पुलिस
इस मामले में छिंदवाड़ा CMHO एनके शास्त्री से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. इधर, मेहुल की मौत की सूचना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी. घटना के बाद से ही डंपर चालक फरार है, उसकी तलाश की जा रही है.