हिंदू धर्म में हनुमानजी की पूजा सभी संकटों को दूर करने वाली मानी गई है. मंगलवार का दिन बजरंगबली को अत्यंत प्रिय और उनकी पूजा के लिए समर्पित माना जाता है. प्रभु राम के परम भक्त हनुमानजी की पूजा का महत्व जेठ महीने (ज्येष्ठ माग) में पड़ने वाले मंगलवार पर की जाती है. ज्येष्ठ मास में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. इस बार जेठ महीने में चार बड़े मंगल पड़ेंगे.
धार्मिक मान्यता के अनुसार पूरे साल के मंगलवार से अलग 4 से 5 मंगलवार ऐसे होते हैं, जो बेहद खास होते हैं. इन खास मंगलवार को ही बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है. यही बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल ज्येष्ठ महीने में पड़ते हैं. इन मंगलवार को हनुमानजी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को हर कष्ट और बाधा से छुटकारा मिल जाता है. हनुमानजी को ज्येष्ठ महीना इतना प्रिय क्यों है और क्यों जेठ के मंगलवार को हनुमानजी की विशेष पूजा की जाती है और ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल क्यों कहते हैं, आइए विस्तार से इस लेख में जानते हैं.
कब से शुरू हो रहा है ज्येष्ठ मास? (Jyeshtha Month 2024)
हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 मई की शाम की 6: 48 मिनट पर पूर्णिमा तिथि आरंभ होगी जो कि 23 मई शाम में 7: 23 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. वहीं, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष का आरंभ प्रतिपदा तिथि यानी 24 मई से होगा. इसी दिन से ज्येष्ठ माह की शुरुआत होगी. ऐसे में 28 मई को पहला बड़ा मंगल आएगा.
इस साल 2024 में चार बड़ा मंगल पड़ेंगे. बड़ा मंगल पर हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की पूजा की जाती है. उत्तरप्रदेश के लखनऊ में बड़ा मंगल बहुत उत्साह से मनाया जाता है.
अबकी बार बड़े मंगल कितने हैं?
पहला बड़ा मंगल – 28 मई 2024
दूसरा बड़ा मंगल – 4 जून 2024
तीसरा बड़ा मंगल – 11 जून 2024
चौथा बड़ा मंगल – 18 जून 2024
बुढ़वा मंगल क्यों मनाया जाता है?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार महाभारत काल में भीम को अपनी शक्तियों पर बहुत घमंड आ गया था जिसके बाद हनुमानजी ने बूढ़े वानर के रूप में जन्म लेकर भीम का घमंड तोड़ा. उन्होंने वारन का रूप धारण कर भीम को पराजित कर दिया था और जिस दिन यह घटना हई उस दिन मंगलवार था. इसलिए बड़ा मंगल मनाया जाता है.
वहीं, एक अन्य मान्यता यह भी है कि जब रामायण काल में हनुमान जी माता सीता को खोजते हुए लंका पहुंचे तो वहां रावण ने उन्हें बंधक बना लिया और उन्हें वानर कहकर उनका मजाक बनाया. इसके बाद हनुमानजी ने लंका में आग लगाकर रावण का सारा घमंड चूर-चूर कर दिया, जिस दिन यह घटना हुई उस दिन भी ज्येष्ठ मास का मंगलवार था, इसलिए भी बुढ़वा मंगल मनाया जाता है.
बड़ा मंगल का महत्व (Bada Mangal Significance)
धार्मिक मान्यता है कि बुढ़वा मंगल या बड़े मंगल को व्रत रखने और हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से भूत-प्रेत का डर, बाधा, दुखों और कष्टों से छुटकारा है. बड़ा मंगल के दिन हनुमान मंदिरों में भंडारे का आयोजन किया जाता है. यह भी मान्यता है कि बड़ा मंगल का व्रत करने से जीवन से सभी नकारात्मकता खत्म होती है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है.