कोरोना महामारी के दौरान रेलवे ने यात्रियों को मिलने वाली कई तरह की छूट पर रोक लगा दी थी. इनमें वरिष्ठ नागरिकों यानी सीनियर सिटिजंस को ट्रेन टिकट पर मिलने वाली छूट भी शामिल है. अब इस मामले को लेकर संसद में भी सवाल पूछा गया, जिस पर रेलवे मंत्रालय ने भी साफ-साफ जवाब दे दिया है.
संसद में पूछा गया यह सवाल
लोकसभा में रेल मंत्रालय से सवाल पूछा गया कि पहले देश के वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन के टिकट के दाम पर छूट मिलती थी, जिसे रोक दिया गया है. क्या इस छूट को वापस देने पर विचार चल रहा है या इसे लेकर कोई फैसला हुआ है?
रेलवे ने दिया यह जवाब
इस सवाल के जवाब में रेल मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल देश में दिव्यांगजन की चार श्रेणी, मरीजों की 11 श्रेणी और छात्रों की 8 श्रेणी को छूट दी जा रही है. साल 2022-23 में रेल मंत्रालय की तरफ से ट्रेन में सफर करने वाले तमाम यात्रियों पर सब्सिडी के रूप में 56,993 करोड़ रुपये खर्च किए गए. रेल मंत्रालय ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर रेलवे एक यात्री को ₹100 की सुविधा देता है तो उस यात्री से टिकट की 46 फीसदी कम कीमत यानी सिर्फ 54 रुपये ही वसूलता है. इस लिहाज से 100 रुपये के एक टिकट पर यात्रियों को करीब 46 रुपये की छूट रेलवे की तरफ से पहले से ही दी जा रही है.
वरिष्ठ नागरिकों पर कही यह बात
रेल मिनिस्ट्री के मुताबिक, रेलवे की कोशिश यही है कि वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा किया जाए. ऐसे में कोशिश की जाती है कि वरिष्ठ नागरिकों को नीचे की सीट (लोअर सीट) ही दी जाए, जिससे उनकी यात्रा आसान रहे.
रेलवे के जवाब का क्या मतलब?
गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर मिलने वाली छूट बंद कर दी गई थी. कोरोना महामारी का दौर खत्म होने के बाद लगातार मांग होती रही है कि वरिष्ठ नागरिकों को टिकट की कीमत पर मिलने वाली छूट दोबारा शुरू की जाए. फिलहाल, अब तक कोरोना से पहले वाली स्थिति बहाल नहीं हो पाई है. वहीं, रेल मंत्रालय के इस जवाब को देखकर तो लग रहा है कि आने वाले दिनों में भी सीनियर सिटिजंस को छूट नहीं मिलने वाली है.