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कब कम होगी लोन EMI…RBI गवर्नर ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास लोन ईएमआई कम होने की भविष्यवाणी कर दी है. लोन ईएमआई कम होने का मतलब है आरबीआई की रेपो रेट में कटौती होना, जिसे आरबीआई ने करीब डेढ़ साल से फ्रीज करके रखा हुआ है. जहां एक ओर यूरोपीय सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में कटौती कर रहा है. वहीं दूसरी ओर फेड भी पॉलिसी रेट में कटौती के संकेत दे चुका है. इन दोनों के विपरीत आरबीआई का मत कुछ अलग ही है. आरबीआई गवर्नर का कहना है कि भारत के पॉलिसी रेट यहां की आर्थिक परिस्थितियों और इकोनॉमिक डेटा के आधार पर होंगे.

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आरबीआई गवर्नर का कहना है कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती महंगाई की दीर्घकालीन दर पर निर्भर करेगी न कि मासिक आंकड़ों पर. दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 7 से 9 अक्टूबर के बीच होनी है. बैठक में नीतिगत दर में कटौती पर फैसला लिया जाएगा. आरबीआई ने अगस्त मे मौद्रिक नीति समीक्षा में ऊंची खाद्य महंगाई को देखते हुए रेपो दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था. अगस्त की बैठक में एमपीसी के छह सदस्यों में से चार ने यथास्थिति बनाये रखने के पक्ष में मत दिया था.

महंगाई के लॉन्ग टर्म आंकड़ें तय करेंगे कटौती

आरबीआई गवर्नर ने सीएनबीसी इंटरनेशनल से विशेष बातचीत में कहा कि महंगाई दर बढ़ रही है या घट रही है, इसके लिए ध्यान महंगाई की मासिक गति पर होगा. आगामी महंगाई दर को सकारात्मक रुख के साथ देखा जाएगा और निर्णय आकलन के आधार पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सवाल यह नहीं है कि वर्तमान संदर्भ में, जुलाई की तरह, महंगाई लगभग 3.6 फीसदी पर आ गई. यह संशोधित आंकड़ा है. अगस्त में यह 3.7 फीसदी पर आ गई है. इससे यह पता चलता है कि अभी महंगाई की क्या स्थिति है. अब हमें अगले छह महीने, अगले एक साल के लिए, महंगाई पर क्या दृष्टिकोण है, यह देखना होगा.

मुश्किल है अक्टूबर में कटौती?

दास ने कहा कि इसीलिए, मैं यह ध्यान से देखना चाहूंगा कि आने वाले समय में महंगाई और ग्रोथ की गति क्या है और उसके आधार पर हम फैसला लेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति अक्टूबर में होने वाली बैठक में नीतिगत दर में कटौती पर सक्रियता से विचार करेगी, दास ने कहा कि नहीं, मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता. उन्होंने कहा कि हम एमपीसी में चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे, लेकिन जहां तक ​​ग्रोथ वृद्धि और महंगाई की गतिशीलता का सवाल है, मैं दो बातें कहना चाहूंगा. एक, ग्रोथ की गति अच्छी बनी हुई है, भारत की वृद्धि की गाथा बरकरार है. जहां तक ​​महंगाई के दृष्टिकोण की बात है, हमें मासिक गति को देखना होगा और इसके आधार पर निर्णय किया जाएगा.

स्टेबल रहा है रुपया

दास ने कहा कि रुपया खासकर 2023 की शुरुआत से, वैश्विक स्तर पर सबसे कम अस्थिर मुद्राओं में से एक रहा है. अमेरिकी डॉलर और अस्थिरता सूचकांक की तुलना में रुपया बहुत स्थिर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी घोषित नीति रुपए की अत्यधिक अस्थिरता को रोकना है. उन्होंने कहा कि रुपये को स्थिर बनाए रखने से बाजार, निवेशकों और अर्थव्यवस्था में भरोसा पैदा होता है. दास ने कहा कि आरबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इसे सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाते रहेंगे.

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