पश्चिम बंगाल वन विभाग को कोलकाता चिड़ियाघर की एनुअल लिस्ट में कथित विसंगति की जांच रिपोर्ट मिली है और विभाग निष्कर्षों का विश्लेषण कर रहा है. दरअसल लिस्ट में पंजीकृत जानवरों की संख्या 672 की जगह 321 थी. इससे सवाल उठता है कि बाकी के जानवर कहां गए? एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को ये जानकारी दी है.
मामला सामने आने के बाद अन्य घटनाक्रम में, चिड़ियाघर निदेशक अरुण मुखर्जी का तबादला दार्जिलिंग हिल्स स्थित पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क में कर दिया गया है. हालांकि अधिकारियों ने दावा किया कि यह स्थानांतरण नियमित था.
बता दें कि वन विभाग ने पिछले महीने वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान कोलकाता के 149 साल पुराने अलीपुर जूलॉजिकल गार्डन की पशु सूची रिपोर्ट में एक बड़ी विसंगति के बारे में मीडिया रिपोर्टों की जांच का आदेश दिया था. मुख्य वन्यजीव वार्डन एस सुंदरियाल ने एजेंसी को बताया, ‘हमें रिपोर्ट मिल गई है जिसका विश्लेषण किया जा रहा है. हम आपको उचित समय पर निष्कर्षों के बारे में सूचित करेंगे. यह एक आधिकारिक प्रक्रिया है. हम पारदर्शिता बनाए रख रहे हैं.’
उन्होंने बताया कि मुखर्जी का तबादला 1 अगस्त को राज्य वन विभाग के आदेश के बाद कोलकाता से दार्जिलिंग किया गया था. यह तबादला उन खबरों के कुछ हफ्ते बाद हुआ है जिनमें बताया गया था कि कोलकाता चिड़ियाघर में 2023-24 के अंतिम स्टॉक में 672 जानवर पंजीकृत थे, जबकि 2024-25 के शुरुआती स्टॉक में केवल 321 जानवर थे. इस प्रकार, 321 जानवर रातोंरात गायब हो गए. इस घटना के बाद पिछले हफ्ते केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीज़ेडए) की एक टीम ने भी चिड़ियाघर का दौरा किया.
जब सुंदरियाल से पूछा गया कि क्या मुखर्जी का तबादला जानवरों की वार्षिक सूची में विसंगति से संबंधित है, तो उन्होंने कहा, ‘उनके अलावा, कई अन्य आईएफएस अधिकारियों का तबादला नियमित फेरबदल के तहत किया गया था. इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए.’ वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी तृप्ति साह ने मुखर्जी की जगह अलीपुर चिड़ियाघर के नए पूर्णकालिक निदेशक का कार्यभार संभाल लिया है.