हनीमून मनाने सिक्किम गया यूपी के प्रतापगढ़ का एक नवविवाहित कपल हादसे का शिकार हो गया. बताया जा रहा रहा है कि कपल का वाहन गहरी खाई में गिरने के बाद तीस्ता नदी में समा गया. उनके साथ वाहन में और भी कई लोग सवार थे. फिलहाल, पिछले दो हफ्ते से इस कपल की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं चल सका है. परिजन थक हार कर सिक्किल के मंगन जिले से वापस अपने घर लौट आए हैं. उनका कहना है कि ‘अब सिर्फ भगवान का ही सहारा है. बेटे-बहू की सलामती की कामना करते हुए एक धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किया है.’
आपको बता दें कि बेटे कौशलेंद्र प्रताप सिंह और बहू अंकिता सिंह की तलाश में सिक्किम गए पिता शेर बहादुर रिश्तेदारों संग मंगलवार की शाम प्रतापगढ़ लौटे. उनके घर पहुंचते ही मातमी सन्नाटा टूट पड़ा. परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.
शेर बहादुर ने कहा कि हमने सिक्किम के डीजीपी से लेकर राज्यपाल तक से बात की. हादसे वाले जिले मंगन के एसपी से भी बात हुई. फिलहाल, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस-प्रशासन की टीमें तीस्ता नदी और उसके आसपास के इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. लेकिन खराब मौसम उनके काम में बाधा बन रहा है. दूसरे यात्रियों का सामान- बैग, पर्स, कपड़े आदि बरामद हुआ है, लेकिन अभी तक कौशलेंद्र-अंकिता का कोई सुराग नहीं मिला है.
जानिए पूरी कहानी
प्रतापगढ़ के उदयपुर के राहाटीकर गांव निवासी 32 वर्षीय कौशलेंद्र प्रताप सिंह और उनकी पत्नी अंकिता 25 मई को हनीमून के लिए सिक्किम गए थे. 29 मई को जब वे गंगटोक से लौट रहे थे, तभी मुंशीथांग इलाके में पर्यटकों से भरी एक वैन 1000 फीट गहरी खाई में गिरकर तीस्ता नदी में समा गई. हादसे में दो लोगों को जिंदा निकाला गया, जबकि आठ पर्यटक लापता हैं, जिनमें कौशलेंद्र और अंकिता भी शामिल हैं.
बेटे-बहू के लापता होने की सूचना मिलते ही पिता शेर बहादुर सिंह, बहू के भाई सौरभ सिंह, चाचा और अन्य रिश्तेदार गंगटोक पहुंचे. उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के राहत कार्यों को देखा. खराब मौसम के चलते कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन प्रभावित रहा.
पिता शेर बहादुर ने बताया कि हादसे के बाद गाड़ी को निकालने के लिए रेस्क्यू किया जा रहा था लेकिन बीच में ही रेस्क्यू छोड़कर सीआरएफ की टीम वापस चली गई थी. दूसरे दिन जब ऑपरेशन शुरू हुआ तो गाड़ी भी गायब हो गई और टीम भी नहीं दिखाई दी. उन्होंने सिक्किम सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 22 मई को मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था, इसके बावजूद भी पर्यटकों के जान से खिलवाड़ किया गया और उन्हें बाकायदा पास देकर रात में ऐसे स्थान पर भेजा गया जहां अलर्ट जारी था.
कौशलेंद्र-अंकिता के परिजनों ने शुरू किया धार्मिक अनुष्ठान
बीते मंगलवार को शेर बहादुर सिंह सिक्किम से वापस अपने गांव लौटे. उनके पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई. लापता कौशलेंद्र की मां बेबी सिंह बार-बार बेहोश हो जा रही थीं. वहीं, कौशलेंद्र के दादा भाजपा नेता डॉ. उम्मेद सिंह ने बताया कि बुधवार से राहाटीकर स्थित मां दुर्गेश्वरी धाम में 51 हजार महामृत्युंजय मंत्रों का जाप शुरू किया गया है, जो पांच दिनों तक चलेगा. पूरे गांव और परिवार के लोग कौशलेंद्र और अंकिता की सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वह भाजपा के पुराने कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं, लेकिन पार्टी या सरकार के स्तर पर उनकी कोई मदद नहीं की गई. अलबत्ता उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी से संपर्क किया. तिवारी ने सिक्किम के राज्यपाल से फोन पर बात कर मदद करने की अपील की है. साथ ही प्रदेश सरकार से मामले में एक्टिव होने का आग्रह किया है.
उधर, कौशलेंद्र के चाचा दिनेश सिंह ने बताया कि SDRF और NDRF की टीमें लगातार खोज और बचाव अभियान चला रही हैं, लेकिन अभी तक न तो कोई शव मिला है और न ही कोई जीवित व्यक्ति. उन्होंने आगे बताया कि कौशलेंद्र और अंकिता का सामान होटल से बरामद कर लिया गया था, लेकिन अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है जो यह पुष्टि कर सके कि वे नदी में डूब गए थे.
सिक्किम के स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, राज्य के मंगन जिले में ये दर्दनाक हादसा हुआ है. 11 पर्यटकों को ले जा रहा है एक वाहन तीस्ता नदी में गिर गया. हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई, दो घायल हो गए जबकि, आठ लोग लापता हैं. इसमें उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के नवदंपती भी शामिल हैं.