चुनाव सुधारों पर काम करने वाली संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने अपने विश्लेषण में बताया है कि देश में करीब 40 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 2,532.09 करोड़ रुपए की आय घोषित की है. इस आय का 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा चुनावी चंदे (इलेक्टोरल बॉन्ड) के जरिए आया है.
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने सबसे ज्यादा 685.51 करोड़ रुपए की आय घोषित की. उसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने 646.39 करोड़ रुपए, बीजू जनता दल (बीजद) ने 297.81 करोड़ रुपए, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने 285.07 करोड़ रुपए और वाईएसआर कांग्रेस ने 191.04 करोड़ रुपए की आय की सूचना दी. इन शीर्ष पांच दलों की आय कुल 40 क्षेत्रीय दलों की घोषित आय का 83.17 फीसदी हिस्सा बनती है.
एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023-24 में 40 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 2,532.096 करोड़ रुपए रही. इस आय का 70 फीसदी से ज्यादा यानी 1,796.024 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए दान के रूप में मिला. एडीआर ने बताया कि 40 में से 20 क्षेत्रीय दलों की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं थीं, जबकि जमा करने की आखिरी तारीख के 313 दिन बाद तक भी ये रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई थीं.
कुल आय में पिछले साल की तुलना में 45.77 फीसदी इजाफा
एडीआर के विश्लेषण के अनुसार 40 में से 20 दलों की ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि से 12 से 216 दिन की देरी के बाद निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हुईं. एडीआर ने कहा कि क्षेत्रीय दलों की कुल आय में पिछले साल की तुलना में 45.77 फीसदी की भारी वृद्धि हुई है. 2022-23 में यह आय 1,736.85 करोड़ रुपए थी. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आय में सबसे ज्यादा 312.93 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई, जबकि तेदेपा और बीजद की आय में भी अच्छी खासी वृद्धि हुई.
27 क्षेत्रीय दलों की आय का एक हिस्सा खर्च नहीं हुआ
रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 क्षेत्रीय दलों ने घोषणा की है कि उनकी आय का एक हिस्सा खर्च नहीं हुआ, जबकि 12 राजनीतिक दलों ने अपनी आय से ज्यादा खर्च किया. बीआरएस की आय में से 430.60 करोड़ रुपये, तृणमूल की 414.92 करोड़ रुपये और बीजद की 253.79 करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं की गई.
12 दलों ने अपनी आय से ज्यादा खर्च किया
वहीं इसके विपरीत, युवजन श्रमिक रायतु कांग्रेस (वाईएसआर कांग्रेस), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), समाजवादी पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) समेत 12 दलों ने अपनी आय से ज़्यादा खर्च किया, जिसमें वाईएसआर कांग्रेस का खर्च लगभग 55 प्रतिशत ज्यादा रहा. गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने कोई आय नहीं बताई, लेकिन 1.56 लाख रुपये का खर्च घोषित किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में केवल तीन राष्ट्रीय दलों (बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी) को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से दान मिला.