बिलासपुर कानन पेंडारी में सफेद बाघ की मौत:हार्ट अटैक से ‘आकाश’ ने तोड़ा दम; अफसरों की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार

बिलासपुर के कानन पेंडारी जू के सफेद बाघ ‘आकाश’ ने सोमवार की सुबह दम तोड़ दिया। सुबह जब जू-कीपर केज सफाई के लिए पहुंचा और जैसे ही उसने पानी डाला तो आकाश के शरीर में किसी तरह की हलचल नहीं हुई। उसने तत्काल इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। सूचना पर कानन के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. पीके चंदन भी पहुंचे।

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जांच के बाद उन्होंने बाघ को मृत घोषित कर दिया। बाघ आकाश की उम्र 10 साल थी। मौत की वजह जानने के लिए पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसमें हार्ट अटैक की पुष्टि हुई। इसके बाद मृत बाघ का अंतिम संस्कार किया गया।

बाघ के शरीर में नहीं हुई हलचल

यह घटना सोमवार सुबह 9:11 बजे की है। सफेद बाघ बंद केज के अंदर था। सुबह जू-कीपर रोज की तरह केज की सफाई के लिए पहुंचा। वह पाइप से केज की धुलाई कर रहा था। उस समय बाघ अचेत पड़ा हुआ था। जू-कीपर को लगा कि वह सोया हुआ है। इसलिए पानी का छिड़काव किया, लेकिन आकाश बाघ के शरीर में किसी तरह हलचल नहीं हुई।

बाघ नहीं उठा तो जू-कीपर घबरा गया

दो से तीन बार ऐसा करने के बाद भी जब बाघ नहीं उठा तो जू-कीपर घबरा गया। उसने तत्काल इसकी सूचना प्रभारी से लेकर वन अफसर और वन्य प्राणी चिकित्सक को दी। सभी तत्काल जू पहुंचे। इस बीच डॉ. चंदन ने उसकी जांच की तो उसकी मौत हो चुकी थी।

जिला स्तरीय समिति की मौजूदगी में पोस्टमॉर्टम

सफेद बाघ की अचानक मौत से जू में हड़कंप मच गया। अफसर भी हैरान रह गए। हालांकि उन्होंने तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचना दी और घटना के संबंध में विस्तार से बताया। अधिकारियों के निर्देश पर ही जिला स्तरीय चिकित्सकीय समिति की तीन सदस्यीय पशु चिकित्सक दल और कानन के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. चंदन ने पोस्टमॉर्टम किया। इसमें मृत्यु की वजह हार्ट अटैक सामने आई।

सीसीटीवी कैमरे से देखा रिकॉर्ड

अचानक सफेद बाघ आकाश की मौत की सूचना किसी को यकीन नहीं हो रहा था। यही कारण है कि वन अफसरों के निर्देश पर सीसीटीवी से बाघ की गतिविधियां देखी गई। जिसमें वह रात में केज के अंदर टहलते नजर आया। सुबह सात बजे भी वह स्वस्थ था। लेकिन, सुबह 8:51 बजे अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और 9:11 बजे आकाश जमीन पर गिर गया।

अब कानन में रह गए केवल दो सफेद बाघ

कानन पेंडारी जू में आकाश बाघ की मौत के बाद दो सफेद बाघ रह गए हैं। जिनमें बाघिन सिद्धी और ईशा शामिल हैं। ईशा और आकाश सिद्धी के ही शावक हैं। हालांकि इस घटना में कहीं न कहीं जू प्रबंधन की अव्यवस्था भी उजागर होती है। दरअसल जिस समय बाघ की तबीयत बिगड़ी मौके पर कोई भी नहीं था। यदि उस समय किसी की तैनाती रहती तो शायद जान बचाने का प्रयास किया जा सकता था।

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