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कौन हैं क़मर शेख़? 30 साल से पीएम मोदी को बांध रही हैं राखी

बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पाकिस्तान मूल की मुंहबोली बहन भी हैं. पाकिस्तान की यह बहन उनकी कलाई पर सालों से राखी बांधती आ रही हैं. पीएम मोदी की इस बहन का नाम है- क़मर शेख़, जोकि 18 अगस्त को दिल्ली पहुंच रही हैं. और 19 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी की कलाई पर राखी बांधेंगी.

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खास बात ये कि क़मर शेख़ पिछले करीब 30 सालों से प्रधानमंत्री मोदी की कलाई पर राखी बांधती आ रही हैं. क़मर शेख़ प्रधानमंत्री को जो राखी बांधती हैं, उसे वह खुद ही बनाती हैं. इस साल भी उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए स्पेशल राखी बनाई हैं. वह पीएम मोदी की प्रशंसक हैं.

कौन हैं क़मर शेख़?

क़मर शेख़ मूल रूप से पाकिस्तान की रहने वाली हैं. कराची में उनका निवास था. उनका निकाह सन् 1981 में अहमदबाद के रहने वाले मोहशीन शेख से हुई थी जो कि पेशे से पेंटर हैं. इसके बाद से क़मर शेख़ नियमित तौर पर हिंदुस्तान में ही रह रही हैं.

पीएम मोदी को कब से जानती हैं?

ये कहानी करीब तीन दशक से भी ज्यादा पुरानी है. साल था- 1990. इस साल क़मर शेख़ पहली बार नरेंद्र मोदी से मिलीं थीं. तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. मोदी से क़मर शेख़ को गुजरात के तत्कालीन राज्यपाल स्वरूप सिंह ने मिलवाया था. उसके बाद से क़मर शेख़ हर साल अपने हाथों से उनके लिए राखी बनाती हैं और उनकी कलाई पर बांधती हैं.

क़मर शेख़ ने बताया है कि वह प्रधानमंत्री मोदी को राखी बांधने के लिए बाजार से कभी नहीं खरीदतीं. वह हर साल खुद ही एक साथ कई राखियां बनाती हैं. उसके बाद वो उनमें से कोई एक राखी को पसंद करती हैं जो सबसे बेहतरीन हों. फिर उस राखी को प्रधानमंत्री को बांधती है. क़मर शेख़ की कोशिश हर साल अलग-अलग किस्म की राखी बनाने की रहती है.

कोविड काल में रहीं वंचित

हालांकि क़मर शेख़ को इस बात का मलाल रहा कोविड पर सुरक्षा के चलते तीन साल तक वह पीएम मोदी को राखी नहीं बांध सकीं. साल 2020, 2021 और 2022 में पीएम को राखी बांधने से वंचित रह गईं. लेकिन उसे प्रसन्नता है कि साल 2023 में फिर से उसे यह मौका मिला. इस अवसर को वह अपने लिए सौभाग्य मानती हैं.

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