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कौन है वो ईरानी जिसकी जानकारी देने वाले को अमेरिका देगा 167 करोड़ का इनाम?

आपने अकसर सुना होगा कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए उसकी जानकारी देने वाले को 1 लाख- 2 लाख रुपये तक का इनाम घोषित किया जाता है, लेकिन सोचिए किसी शख्स का जुर्म कितना बड़ा और क्या होगा कि अमेरिका ने उस पर 1-2 लाख नहीं बल्कि 167 करोड़ का इनाम घोषित किया है.

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अमेरिका ने हाल ही में ईरान के एक शख्स पर 167 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया है. अमेरिका का आरोप है कि इस शख्स ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के एडवाइजर के खिलाफ हत्या की साजिश रची थी.

कौन है आरोपी?
अमेरिका को ईरान के जिस शख्स की तलाश है उसका नाम शाहराम पौरसाफी है. अमेरिका ने आईआरजीसी संगठन को आतंकवादी घोषित किया हुआ है. शाहराम पौरसाफी इसी संगठन का एक सदस्य है. अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा, शाहराम पौरसाफी पैसों के बदले हत्या की साजिश में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स-कुद्स फोर्स (आईआरजीसी-क्यूएफ) की ओर से काम कर रहा है.क्या है अपराध?
अमेरिका ने शख्स पर आरोप लगाया है कि इस ईरानी शख्स ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को निशाना बनाकर हत्या की साजिश रची. इसी के चलते शख्स को गिरफ्तार करने के लिए इस पर इनाम घोषित किया गया है.

अमेरिका ने अचानक गुरुवार को शाहराम पौरसाफी के खिलाफ यह नोटिस इसीलिए जारी किया क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनकी जान को ईरान से बड़ा खतरा है. साथ ही अगर यह सवाल आपके मन में है कि कथित तौर पर ईरान के शख्स ने ट्रंप के सलाहकार बोल्टन को ही निशाना क्यों बनाया, तो उसके पीछे की वजह है कि बोल्टन विदेश नीति के मास्टर थे और वो ईरान के आलोचक हैं.

ढाई करोड़ के बदले हत्या की साजिश
अमेरिका का कहना है कि ईरानी शाहराम पौरसाफी बोल्टन के मर्डर में कथित रूप से शामिल था और उनकी हत्या की साजिश रच रहा था. शाहराम पौरसाफी ने अक्टूबर 2021 से अप्रैल 2022 के बीच लगभग ढाई करोड़ रुपये के बदले वाशिंगटन, डीसी में सुरक्षा सलाहकार बोल्टन की हत्या की साजिश रची.

अमेरिका के मुताबिक ईरान के शख्स ने सलाहकार बोल्टन के खिलाफ यह साजिश तब रची जब वो साल 2018 से 2019 के बीच पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में काम कर चुके थे.शाहराम पौरसाफी के ऊपर कथित आरोप है कि उस ने बोल्टन की हत्या की साजिश के प्लान में हथियार बरामद कराए थे.

वैश्विक आतंकवादी नामित
अमेरिका के न्याय विभाग ने 5 अगस्त, 2022 को ईरानी शाहराम पौरसाफी के खिलाफ आरोप लगाया था और मामला दर्ज किया गया था. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने 1 जून, 2023 को पौरसाफी को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया. वैश्विक आतंकवादी घोषित होने के बाद पौरसाफी अमेरिका में किसी भी तरह की संपत्ति नहीं खरीद सकता है और अमेरिकी नागरिकों के साथ किसी भी तरह का व्यापार नहीं कर सकता. दोषी पाए जाने पर पौरसाफी को 10 साल से ज्यादा तक की जेल हो सकती है और उस पर पांच लाख डॉलर से ज्यादा का जुर्माना लग सकता है.

ईरान ने क्या कहा?
अमेरिका का कहना है कि जनवरी 2020 में अमेरिका ने इराक में कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद ही ईरान ने बोल्टन की हत्या का प्लान तैयार किया, लेकिन यह प्लान पूरा नहीं हो पाया क्योंकि प्रत्यक्ष हत्यारा संघीय जांच ब्यूरो का मुखबिर बन गया. अमेरिका के इन आरोपों पर ईरान की टिप्पणी भी सामने आई है. ईरान ने अमेरिका के इन आरोपों को काल्पनिक कह कर खारिज कर दिया है.

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