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सड़कें बनी गोवंश का कत्लखाना! हाईकोर्ट का सवाल, सड़क पर बैठे मवेशियों को कौन हटाएगा

जबलपुर: मध्य प्रदेश में सड़कों पर गौवंश से हो रहे हादसों पर जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा है कि आखिर क्यों हाईवे पर गौवंश का जमावड़ा रहता है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. बता दें कि जबलपुर निवासी अधिवक्ता प्रांजल तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने हाईवे पर मवेशियों के कारण हो रहे हैं हादसों को लेकर प्रश्न खड़े किये थे.

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अधिवक्ता ने लगाई थी हाईकोर्ट में याचिका

यदि आपने हाईवे पर सफर किया है तो आपको इस बात का अंदाज होगा की हाईवे पर सफर करते समय सबसे बड़ी समस्या आवारा मवेशी होते हैं. और संभवत शायद ही ऐसा कोई दिन जाता है जिस दिन रोड एक्सीडेंट में इन मवेशियों की जान न जाती हो और इन मवेशियों की वजह से हुए एक्सीडेंट में राहगीरों की जान आफत में ना पढ़ती हो. इसी समस्या को ध्यान में रखकर जबलपुर के अधिवक्ता प्रांजल तिवारी ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई थी. इस जनहित याचिका में प्रांजल की ओर से कहा गया था कि, ”जब सड़कों का टोल टैक्स लिया जा रहा है, टोल नाके लगाए जा रहे हैं, तो फिर सड़क पर बैठे हुए इन मवेशियों को हटाने की जिम्मेदारी किसकी होगी.”

हाईवे पर क्यों बैठे रहते हैं मवेशी

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में इस मामले में राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव, एमपी आरडीसी के प्रबंध निदेशक और अधिकारियों से जवाब मांगा है की राष्ट्रीय राजमार्गों पर मवेशी क्यों बैठे रहते हैं. इनको हटाने के लिए आपने क्या व्यवस्था की. इस मामले की सुनवाई मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय शराफ की कोर्ट में हुई.

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